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क्षिप्रा शुद्धीकरण के साथ सम्पूर्ण उज्जैन का विकास सर्वोच्य प्राथमिकता में : मुख्यमंत्री डॉ. यादव

सिंहस्थ-2028 की तैयारियों ने पकड़ी गति, टास्कफोर्स का गठन

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि सिंहस्थ-2028 में आने वाले श्रद्धालुओं के लिये विशेष व्यवस्थाऍ करने राज्य सरकार की टीम ने एकजुट होकर निरंतर कार्य कर रही है। राज्य स्तर पर टास्क फोर्स का गठन भी किया जा चुका है। सिंहस्थ- 2028 की व्यवस्थाओं के लिए वित्तीय वर्ष 2024-25 में 500 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। मांक्षिप्रा के शुद्धीकरण के लिए 599 करोड़ रूपये लागत की कान्ह-क्लोज डक्ट परियोजना का कार्य प्रगतिरत है। साथ ही उज्जैन में आवागमन के लिये चौतरफा सड़क, ब्रिज बनाकर फोर-लेन मार्ग भी बनाये जा रहे हैं।

गांधीसागर समूह जलप्रदाय योजना बनेगी 920 ग्रामों के लिये वरदान: मुख्यमंत्री डॉ. यादव

मंदसौर जिले के लगभग ढाई लाख ग्रामीण परिवारों को मिलेगा शुद्ध पेयजल

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि मंदसौर जिले में 1211.56 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित हो रही गांधी सागर समूह जल प्रदाय योजना से 920 ग्रामों के लिए वरदान बनेगी। योजना से 2 लाख 40 हजार परिवारों को शुद्ध पेयजल की आपूर्ति हो सकेगी। आगामी दिसम्बर 2024 तक योजना पूर्ण की जाकर घर-घर नल कनेक्शन के माध्यम से पेयजल उपलब्ध करवाया जायेगा। इससे ग्रामीणों के जीवन स्तर में भी सुधार होगा। वर्तमान में योजना का 75 प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुका है।

धार्मिक संस्थाएं, अस्पताल-स्कूल और कॉलेज निर्माण के लिए आगे आएं – मुख्यमंत्री डॉ. यादव

मुख्यमंत्री डॉ.यादव महर्षि श्रृंगी महाराज व माता शांता के मंदिर एवं आश्रम के भूमि पूजन कार्यक्रम में वर्चुअली शामिल हुए

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि धार्मिक संस्थाएं, अस्पताल, स्कूल, कॉलेज, हॉस्पिटल और धर्मशाला आदि के निर्माण में आगे आएं, राज्य शासन की ओर से उन्हें हर संभव सहयोग उपलब्ध कराया जाएगा। देश के 7 पवित्रतम नगरों में से उज्जैन एक है, यहां सभी समाजों के लिए धर्मशाला, मठ, मंदिर आदि के निर्माण को राज्य शासन की ओर से प्रोत्साहन प्रदान किया जा रहा है। इसी क्रम में सिंहस्थ क्षेत्र में स्थाई निर्माण को प्रोत्साहन देने की नीति बनाई गई है, जिसके अंतर्गत महर्षि श्रृंग समाज उत्थान संस्थान ने उज्जैन में मंदिर और आश्रम निर्माण का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव उज्जैन में बनने जा रहे महर्षि श्रृंगी महाराज और माता शांता मंदिर और आश्रम के भूमि-पूजन कार्यक्रम को मुख्यमंत्री निवास स्थित समत्व भवन से वर्चुअली संबोधित कर रहे थे। उज्जैन में हुए कार्यक्रम में हैदराबाद से पधारे परम पूज्य महामंडलेश्वर श्री श्री 1008 प्रभु दास जी महाराज, पुष्कर राजस्थान के श्री तेजमल पंडया, नई दिल्ली के श्री विक्रांत पांडे सहित वरिष्ठ समाजसेवी तथा नागरिक उपस्थित थे।

जम्मू-कश्मीर में शहीद नायक बद्रीलाल यादव को मंत्री श्री टेटवाल ने दी श्रद्धांजलि

जम्मू-कश्मीर के राजौरी में शहीद हुए मध्यप्रदेश के आर्मी जवान बद्रीलाल यादव का बुधवार को आगर मालवा जिले के पैतृक गांव नरवल में सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। कौशल विकास एवं रोजगार मंत्री तथा उज्जैन जिले के प्रभारी मंत्री श्री गौतम टेटवाल ने नरवल पहुंचकर शहीद की पार्थिव देह पर पुष्प चक्र अर्पित कर भावभीनी श्रद्धांजलि दी। शहीद के दोनों पुत्रों ने पार्थिव देह को मुखाग्नि दी और हजारों नम आंखों से उन्हें अंतिम विदाई दी।

आधुनिकतम चिकित्सा तकनीक और सेवाओं से प्रदेश बनेगा अग्रणी चिकित्सा हब : उप मुख्यमंत्री श्री शुक्ल

एमवाय, सीएआर-टी थैरेपी से ब्ल्ड कैंसर का उपचार करने वाला देश का पहला अस्पताल

उप मुख्यमंत्री श्री राजेन्द्र शुक्ल ने कहा है कि मध्यप्रदेश सरकार राज्य में उच्च गुणवत्ता की स्वास्थ्य सेवाओं को सुलभ कराने के लिए सतत प्रयासरत है। इम्यूनोथेरैपी जैसी उन्नत तकनीक का एमवाय अस्पताल में शुभारंभ इस दिशा में एक मील का पत्थर है। यह पहल उन मरीजों के लिए नई उम्मीद लेकर आई है, जिनके इलाज में पारंपरिक पद्धतियाँ कारगर नहीं रही हैं। यह कदम चिकित्सा के क्षेत्र में न केवल इंदौर बल्कि पूरे प्रदेश की पहचान को एक नई दिशा देगा। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में राज्य सरकार का यह प्रयास है कि स्वास्थ्य सेवाओं को आधुनिकतम चिकित्सकीय तकनीकों और सेवाओं से युक्त कर मध्यप्रदेश को देश का प्रमुख चिकित्सा हब बनाया जाये।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव की अध्यक्षता में राज्य में वन अधिकार अधिनियम और पेसा कानून के प्रभावी क्रियान्वयन के लिये गठित टास्क फोर्स का पुनर्गठन

राज्य शासन द्वारा मध्यप्रदेश में वन अधिकार अधिनियम और पेसा कानून के प्रभावी क्रियान्वयन के लिये मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में गठित टास्क फोर्स का पुनर्गठन किया गया है।

गठित टास्क फोर्स की शीर्ष समिति में जनजातीय कार्य मंत्री डॉ. कुंवर विजय शाह, पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री प्रहलाद पटेल, वन एवं पर्यावरण मंत्री श्री रामनिवास रावत को उपाध्यक्ष, मुख्य सचिव मध्यप्रदेश शासन को पदेन सचिव और प्रमुख सचिव जनजातीय कार्य को पदेन सह सचिव नियुक्त किया गया है।

क्षिप्रा शुद्धीकरण के साथ सम्पूर्ण उज्जैन का विकास सर्वोच्य प्राथमिकता में : मुख्यमंत्री डॉ. यादव

सिंहस्थ-2028 की तैयारियों ने पकड़ी गति, टास्कफोर्स का गठन

गांधीसागर समूह जलप्रदाय योजना बनेगी 920 ग्रामों के लिये वरदान: मुख्यमंत्री डॉ. यादव

मंदसौर जिले के लगभग ढाई लाख ग्रामीण परिवारों को मिलेगा शुद्ध पेयजल

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि मंदसौर जिले में 1211.56 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित हो रही गांधी सागर समूह जल प्रदाय योजना से 920 ग्रामों के लिए वरदान बनेगी। योजना से 2 लाख 40 हजार परिवारों को शुद्ध पेयजल की आपूर्ति हो सकेगी। आगामी दिसम्बर 2024 तक योजना पूर्ण की जाकर घर-घर नल कनेक्शन के माध्यम से पेयजल उपलब्ध करवाया जायेगा। इससे ग्रामीणों के जीवन स्तर में भी सुधार होगा। वर्तमान में योजना का 75 प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुका है।

धार्मिक संस्थाएं, अस्पताल-स्कूल और कॉलेज निर्माण के लिए आगे आएं – मुख्यमंत्री डॉ. यादव

मुख्यमंत्री डॉ.यादव महर्षि श्रृंगी महाराज व माता शांता के मंदिर एवं आश्रम के भूमि पूजन कार्यक्रम में वर्चुअली शामिल हुए

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि धार्मिक संस्थाएं, अस्पताल, स्कूल, कॉलेज, हॉस्पिटल और धर्मशाला आदि के निर्माण में आगे आएं, राज्य शासन की ओर से उन्हें हर संभव सहयोग उपलब्ध कराया जाएगा। देश के 7 पवित्रतम नगरों में से उज्जैन एक है, यहां सभी समाजों के लिए धर्मशाला, मठ, मंदिर आदि के निर्माण को राज्य शासन की ओर से प्रोत्साहन प्रदान किया जा रहा है। इसी क्रम में सिंहस्थ क्षेत्र में स्थाई निर्माण को प्रोत्साहन देने की नीति बनाई गई है, जिसके अंतर्गत महर्षि श्रृंग समाज उत्थान संस्थान ने उज्जैन में मंदिर और आश्रम निर्माण का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव उज्जैन में बनने जा रहे महर्षि श्रृंगी महाराज और माता शांता मंदिर और आश्रम के भूमि-पूजन कार्यक्रम को मुख्यमंत्री निवास स्थित समत्व भवन से वर्चुअली संबोधित कर रहे थे। उज्जैन में हुए कार्यक्रम में हैदराबाद से पधारे परम पूज्य महामंडलेश्वर श्री श्री 1008 प्रभु दास जी महाराज, पुष्कर राजस्थान के श्री तेजमल पंडया, नई दिल्ली के श्री विक्रांत पांडे सहित वरिष्ठ समाजसेवी तथा नागरिक उपस्थित थे।

भारत भवन में आयोजित ‘नृत्य में अद्वैत’ कार्यशाला के दूसरे दिन हुई विभिन्न गतिविधियां

आत्मज्ञान के लिए मन की शुद्धता,सूक्ष्मता एवं एकाग्रता आवश्यक : स्वामिनी विमलानंद सरस्वती
81 वर्षीय डॉ. पदमा सुब्रमण्यम ने दी भरतनाट्यम की मनमोहक प्रस्तुति

कला या अन्य सभी विद्याओं को सीखने के लिए शिष्य में शरणागति का भाव जरूरी है। नवधा भक्ति, नारद भक्ति सूत्र सहित शास्त्रों में भी शरणागति की विशेष महिमा बताई गई है। शैव सिद्धांत में भी शरणागति महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे ही हम उपासना के सबसे निकट होते हैं। यह बात वरिष्ठ नृत्यांगना डॉ. पद्मजा सुरेश ने नृत्य में अद्वैत कार्यशाला में आयोजित शरणागति सत्र में प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कही। डॉ. पद्मजा ने कहा कि नृत्य एक सहज साधना है। साधना हमें आंतरिक रूप से प्रकाशित करती है। नाट्य साधना के द्वारा ही चेतना की उच्चतम अवस्था तक पंहुचा जा सकता है। चर्चा सत्र में डॉ. पद्मजा ने कहा कि नृत्य के माध्यम से स्थूल से सूक्ष्म शरीर की ओर बढ़ते है। इस दौरान उन्होंने नाट्य में अभय मुद्रा का उदारहण देते हुए कहा कि अभय, अद्वैत का प्रतीक है और कला, महामाया का चिन्मय विलास है। अंत में डॉ. पद्मजा ने रसामृत में कृष्ण को शक्ति बताते हुए नृत्य के सभी रूपों में नृतक तथा नायिका के भावों को विस्तार दिया। उल्लेखनीय है कि आचार्य शंकर सांस्कृतिक एकता न्यास, मप्र पर्यटन निगम और भारत भवन न्यास, संस्कृति विभाग के संयुक्त तत्वावधान में चल रही तीन दिवसीय कार्यशाला के दूसरे दिन नृत्य में अद्वैत विषय पर विभिन्न सत्र हुए।

मंच पर कलाकार सृष्टिकर्ता की भूमिका में होता है

सत्र में अध्यक्षीय वक्तव्य देते हुए भरतनाट्यम नृत्यांगना, कोरियोग्राफर डॉ. रेवती रामचंद्रन ने कहा कि इस तरह के आयोजन मन को विस्तारित करते हैं। यह हमारे आंतरिक एवं आध्यात्मिक विकास में उपयोगी है। उन्होंने कहा कि जब तक हम नृत्य करते हैं तो देह भाव से ऊपर उठकर अपनी पहचान को विलोपित कर देते हैं। कलाकार मंच पर सृष्टिकर्ता की भूमिका में होता है, जो अपनी रचनात्मकता से कला का निर्माण करता है। डॉ. रेवती ने कहा कि भारत में कला परम्परा दर्शकों के उत्थान के लिए है और कलाकार की यही प्राथमिकता भी होना चाहिए।जैसी दृष्टि होती है, वैसी सृष्टि दिखाई देती है।

नृत्य भी एक साधना है

कार्यशाला के अगले सत्र में चिन्मय मिशन कोयंबटूर की प्रमुख स्वामिनी विमलानंद सरस्वती ने कहा कि कला का सौन्दर्य आनंद में है। कला की विशेषता है कि उसमें सदैव नवीनता विद्यमान होती है। उन्होंने कहा कि भगवान आसन पर बैठे तो कला है और चलें तो नृत्य है। स्वामिनी ने कहा कि नृत्य भी एक साधना है, जिससे मन परिष्कृत होता है। चर्चा सत्र को आगे बढ़ाते हुए स्वामिनी विमलानंद ने वेदांत का उदारहण देते हुए कहा कि आत्मज्ञान के लिए मन की शुद्धता, सूक्ष्मता एवं एकाग्रता आवश्यक है। आत्मज्ञान की प्राप्ति ज्ञान मात्र से होती है, इसलिए आवश्यक है कि मन राग, द्वेष से मुक्त हो।

शोधार्थियों, नृत्य अध्येता और छात्र-छात्राओं के साथ संवाद

शाम को हुए ओपन सत्र में पद्मविभूषण डॉ. पद्मा सुब्रमण्यम, स्वामिनी विमलानंद सरस्वती, डॉ कुमकुमधर ने शोधार्थियों, नृत्य अध्येता और छात्र-छात्राओं के साथ संवाद किया। डॉ.पद्मा सुब्रमण्यम ने कहा कि गुरु के प्रति आत्म-समर्पण करने से संसार की हर वस्तु प्राप्त हो सकती हैं। गुरु ईश्वर के समान है। जब आप सार्थक दिशा में बढ़ते हैं तो गुरु का आशीष स्वाभाविक रूप से प्राप्त होता है। गुरु, करुणा के सागर के समान होता है, शिष्य को इसी भाव में रहकर स्वयं को समर्पित करना चाहिए।

डॉ. पद्मा सुब्रमण्यम ने दी नृत्य प्रस्तुति

बहुकला केंद्र के अंतरंग सभागार में बैठे सैकड़ों कला प्रेमी  उस समय विलक्षण प्रस्तुति के साक्षी बने जब स्वयं डॉ. पद्मा सुब्रमण्यम मंच पर भरतनाट्यम की प्रस्तुति देने पहुंचीं। 81 वर्षीय डॉ सुब्रमण्यम ने शंकराचार्य विरचित भजन गोविन्दम्, भज गोविन्म्… की मनोहारी प्रस्तुति दी। लगभग 15 मिनट की इस प्रस्तुति के दौरान पदमा जी ने आंगिक, वाचिक, कदमताल और भाव भंगिमाओं का एक ऐसा संसार रचा जिसमें दर्शक पूरी तरह सहभागी बने।  मन को छू जाने वाली इस प्रस्तुति के अंत में दर्शकों ने लगभग 5 मिनट तक पदमा जी को स्टेंडिंग ओवियेशन दिया।  

भक्ति गीतों पर झूम उठे श्रोता

कार्यशाला के दूसरे दिन का समापन संकीर्तन की प्रस्तुति के साथ हुआ। इसमें प्रसिद्ध गायक हर्षल पुलेकर ने भक्ति गीतों के माध्यम से सभी को भाव विभोर किया। एक के बाद एक मंत्रमुग्ध कर देने वाले संकीर्तनों को सुन श्रोता भक्ति रस में झूमते नजर आये। पुलेकर ने जय-जय राधा रमण…, कौन कहता है भगवान आते नहीं…. सहित कई भक्ति गीतों को पेश किया।

तीन दिवसीय कार्यशाला में आज

बहुकला केन्द्र भारत भवन में आयोजित तीन दिवसीय कार्यशाला के अंतिम दिन बुधवार को सुबह 9 बजे से विभिन्न सत्र शुरू होंगे। वहीं शाम 7 बजे ओपन सत्र तथा संकीर्तन के साथ कार्यशाला का समापन होगा।