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मुख्यमंत्री डॉ. यादव की अध्यक्षता में राज्य में वन अधिकार अधिनियम और पेसा कानून के प्रभावी क्रियान्वयन के लिये गठित टास्क फोर्स का पुनर्गठन
राज्य शासन द्वारा मध्यप्रदेश में वन अधिकार अधिनियम और पेसा कानून के प्रभावी क्रियान्वयन के लिये मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में गठित टास्क फोर्स का पुनर्गठन किया गया है।
गठित टास्क फोर्स की शीर्ष समिति में जनजातीय कार्य मंत्री डॉ. कुंवर विजय शाह, पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री प्रहलाद पटेल, वन एवं पर्यावरण मंत्री श्री रामनिवास रावत को उपाध्यक्ष, मुख्य सचिव मध्यप्रदेश शासन को पदेन सचिव और प्रमुख सचिव जनजातीय कार्य को पदेन सह सचिव नियुक्त किया गया है।
क्षिप्रा शुद्धीकरण के साथ सम्पूर्ण उज्जैन का विकास सर्वोच्य प्राथमिकता में : मुख्यमंत्री डॉ. यादव
सिंहस्थ-2028 की तैयारियों ने पकड़ी गति, टास्कफोर्स का गठन
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि सिंहस्थ-2028 में आने वाले श्रद्धालुओं के लिये विशेष व्यवस्थाऍ करने राज्य सरकार की टीम ने एकजुट होकर निरंतर कार्य कर रही है। राज्य स्तर पर टास्क फोर्स का गठन भी किया जा चुका है। सिंहस्थ- 2028 की व्यवस्थाओं के लिए वित्तीय वर्ष 2024-25 में 500 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। मांक्षिप्रा के शुद्धीकरण के लिए 599 करोड़ रूपये लागत की कान्ह-क्लोज डक्ट परियोजना का कार्य प्रगतिरत है। साथ ही उज्जैन में आवागमन के लिये चौतरफा सड़क, ब्रिज बनाकर फोर-लेन मार्ग भी बनाये जा रहे हैं।
गांधीसागर समूह जलप्रदाय योजना बनेगी 920 ग्रामों के लिये वरदान: मुख्यमंत्री डॉ. यादव
मंदसौर जिले के लगभग ढाई लाख ग्रामीण परिवारों को मिलेगा शुद्ध पेयजल
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि मंदसौर जिले में 1211.56 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित हो रही गांधी सागर समूह जल प्रदाय योजना से 920 ग्रामों के लिए वरदान बनेगी। योजना से 2 लाख 40 हजार परिवारों को शुद्ध पेयजल की आपूर्ति हो सकेगी। आगामी दिसम्बर 2024 तक योजना पूर्ण की जाकर घर-घर नल कनेक्शन के माध्यम से पेयजल उपलब्ध करवाया जायेगा। इससे ग्रामीणों के जीवन स्तर में भी सुधार होगा। वर्तमान में योजना का 75 प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुका है।
धार्मिक संस्थाएं, अस्पताल-स्कूल और कॉलेज निर्माण के लिए आगे आएं – मुख्यमंत्री डॉ. यादव
मुख्यमंत्री डॉ.यादव महर्षि श्रृंगी महाराज व माता शांता के मंदिर एवं आश्रम के भूमि पूजन कार्यक्रम में वर्चुअली शामिल हुए
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि धार्मिक संस्थाएं, अस्पताल, स्कूल, कॉलेज, हॉस्पिटल और धर्मशाला आदि के निर्माण में आगे आएं, राज्य शासन की ओर से उन्हें हर संभव सहयोग उपलब्ध कराया जाएगा। देश के 7 पवित्रतम नगरों में से उज्जैन एक है, यहां सभी समाजों के लिए धर्मशाला, मठ, मंदिर आदि के निर्माण को राज्य शासन की ओर से प्रोत्साहन प्रदान किया जा रहा है। इसी क्रम में सिंहस्थ क्षेत्र में स्थाई निर्माण को प्रोत्साहन देने की नीति बनाई गई है, जिसके अंतर्गत महर्षि श्रृंग समाज उत्थान संस्थान ने उज्जैन में मंदिर और आश्रम निर्माण का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव उज्जैन में बनने जा रहे महर्षि श्रृंगी महाराज और माता शांता मंदिर और आश्रम के भूमि-पूजन कार्यक्रम को मुख्यमंत्री निवास स्थित समत्व भवन से वर्चुअली संबोधित कर रहे थे। उज्जैन में हुए कार्यक्रम में हैदराबाद से पधारे परम पूज्य महामंडलेश्वर श्री श्री 1008 प्रभु दास जी महाराज, पुष्कर राजस्थान के श्री तेजमल पंडया, नई दिल्ली के श्री विक्रांत पांडे सहित वरिष्ठ समाजसेवी तथा नागरिक उपस्थित थे।
भारत भवन में आयोजित ‘नृत्य में अद्वैत’ कार्यशाला के दूसरे दिन हुई विभिन्न गतिविधियां
आत्मज्ञान के लिए मन की शुद्धता,सूक्ष्मता एवं एकाग्रता आवश्यक : स्वामिनी विमलानंद सरस्वती
81 वर्षीय डॉ. पदमा सुब्रमण्यम ने दी भरतनाट्यम की मनमोहक प्रस्तुति
कला या अन्य सभी विद्याओं को सीखने के लिए शिष्य में शरणागति का भाव जरूरी है। नवधा भक्ति, नारद भक्ति सूत्र सहित शास्त्रों में भी शरणागति की विशेष महिमा बताई गई है। शैव सिद्धांत में भी शरणागति महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे ही हम उपासना के सबसे निकट होते हैं। यह बात वरिष्ठ नृत्यांगना डॉ. पद्मजा सुरेश ने नृत्य में अद्वैत कार्यशाला में आयोजित शरणागति सत्र में प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कही। डॉ. पद्मजा ने कहा कि नृत्य एक सहज साधना है। साधना हमें आंतरिक रूप से प्रकाशित करती है। नाट्य साधना के द्वारा ही चेतना की उच्चतम अवस्था तक पंहुचा जा सकता है। चर्चा सत्र में डॉ. पद्मजा ने कहा कि नृत्य के माध्यम से स्थूल से सूक्ष्म शरीर की ओर बढ़ते है। इस दौरान उन्होंने नाट्य में अभय मुद्रा का उदारहण देते हुए कहा कि अभय, अद्वैत का प्रतीक है और कला, महामाया का चिन्मय विलास है। अंत में डॉ. पद्मजा ने रसामृत में कृष्ण को शक्ति बताते हुए नृत्य के सभी रूपों में नृतक तथा नायिका के भावों को विस्तार दिया। उल्लेखनीय है कि आचार्य शंकर सांस्कृतिक एकता न्यास, मप्र पर्यटन निगम और भारत भवन न्यास, संस्कृति विभाग के संयुक्त तत्वावधान में चल रही तीन दिवसीय कार्यशाला के दूसरे दिन नृत्य में अद्वैत विषय पर विभिन्न सत्र हुए।
मंच पर कलाकार सृष्टिकर्ता की भूमिका में होता है
सत्र में अध्यक्षीय वक्तव्य देते हुए भरतनाट्यम नृत्यांगना, कोरियोग्राफर डॉ. रेवती रामचंद्रन ने कहा कि इस तरह के आयोजन मन को विस्तारित करते हैं। यह हमारे आंतरिक एवं आध्यात्मिक विकास में उपयोगी है। उन्होंने कहा कि जब तक हम नृत्य करते हैं तो देह भाव से ऊपर उठकर अपनी पहचान को विलोपित कर देते हैं। कलाकार मंच पर सृष्टिकर्ता की भूमिका में होता है, जो अपनी रचनात्मकता से कला का निर्माण करता है। डॉ. रेवती ने कहा कि भारत में कला परम्परा दर्शकों के उत्थान के लिए है और कलाकार की यही प्राथमिकता भी होना चाहिए।जैसी दृष्टि होती है, वैसी सृष्टि दिखाई देती है।
नृत्य भी एक साधना है
कार्यशाला के अगले सत्र में चिन्मय मिशन कोयंबटूर की प्रमुख स्वामिनी विमलानंद सरस्वती ने कहा कि कला का सौन्दर्य आनंद में है। कला की विशेषता है कि उसमें सदैव नवीनता विद्यमान होती है। उन्होंने कहा कि भगवान आसन पर बैठे तो कला है और चलें तो नृत्य है। स्वामिनी ने कहा कि नृत्य भी एक साधना है, जिससे मन परिष्कृत होता है। चर्चा सत्र को आगे बढ़ाते हुए स्वामिनी विमलानंद ने वेदांत का उदारहण देते हुए कहा कि आत्मज्ञान के लिए मन की शुद्धता, सूक्ष्मता एवं एकाग्रता आवश्यक है। आत्मज्ञान की प्राप्ति ज्ञान मात्र से होती है, इसलिए आवश्यक है कि मन राग, द्वेष से मुक्त हो।
शोधार्थियों, नृत्य अध्येता और छात्र-छात्राओं के साथ संवाद
शाम को हुए ओपन सत्र में पद्मविभूषण डॉ. पद्मा सुब्रमण्यम, स्वामिनी विमलानंद सरस्वती, डॉ कुमकुमधर ने शोधार्थियों, नृत्य अध्येता और छात्र-छात्राओं के साथ संवाद किया। डॉ.पद्मा सुब्रमण्यम ने कहा कि गुरु के प्रति आत्म-समर्पण करने से संसार की हर वस्तु प्राप्त हो सकती हैं। गुरु ईश्वर के समान है। जब आप सार्थक दिशा में बढ़ते हैं तो गुरु का आशीष स्वाभाविक रूप से प्राप्त होता है। गुरु, करुणा के सागर के समान होता है, शिष्य को इसी भाव में रहकर स्वयं को समर्पित करना चाहिए।
डॉ. पद्मा सुब्रमण्यम ने दी नृत्य प्रस्तुति
बहुकला केंद्र के अंतरंग सभागार में बैठे सैकड़ों कला प्रेमी उस समय विलक्षण प्रस्तुति के साक्षी बने जब स्वयं डॉ. पद्मा सुब्रमण्यम मंच पर भरतनाट्यम की प्रस्तुति देने पहुंचीं। 81 वर्षीय डॉ सुब्रमण्यम ने शंकराचार्य विरचित भजन गोविन्दम्, भज गोविन्म्… की मनोहारी प्रस्तुति दी। लगभग 15 मिनट की इस प्रस्तुति के दौरान पदमा जी ने आंगिक, वाचिक, कदमताल और भाव भंगिमाओं का एक ऐसा संसार रचा जिसमें दर्शक पूरी तरह सहभागी बने। मन को छू जाने वाली इस प्रस्तुति के अंत में दर्शकों ने लगभग 5 मिनट तक पदमा जी को स्टेंडिंग ओवियेशन दिया।
भक्ति गीतों पर झूम उठे श्रोता
कार्यशाला के दूसरे दिन का समापन संकीर्तन की प्रस्तुति के साथ हुआ। इसमें प्रसिद्ध गायक हर्षल पुलेकर ने भक्ति गीतों के माध्यम से सभी को भाव विभोर किया। एक के बाद एक मंत्रमुग्ध कर देने वाले संकीर्तनों को सुन श्रोता भक्ति रस में झूमते नजर आये। पुलेकर ने जय-जय राधा रमण…, कौन कहता है भगवान आते नहीं…. सहित कई भक्ति गीतों को पेश किया।
तीन दिवसीय कार्यशाला में आज
बहुकला केन्द्र भारत भवन में आयोजित तीन दिवसीय कार्यशाला के अंतिम दिन बुधवार को सुबह 9 बजे से विभिन्न सत्र शुरू होंगे। वहीं शाम 7 बजे ओपन सत्र तथा संकीर्तन के साथ कार्यशाला का समापन होगा।
उज्जैन में 12 नवम्बर को उप राष्ट्रपति करेंगे अखिल भारतीय कालिदास समारोह का शुभारंभ
नर्मदापुरम में सात दिसंबर को होगी अगली रीजनल इंडस्ट्री समिट
हाथियों का बेहतर प्रबंधन सुनिश्चित किया जाएगा
उमरिया-बांधवगढ़ क्षेत्र में स्थाई रूप से बसे हाथियों पर केंद्रित पर्यटन गतिविधियों को प्रोत्साहित किया जाएगा
मुख्यमंत्री डॉ. यादव की अध्यक्षता में वंदे-मातरम के गान के साथ आरंभ हुई मंत्रि-परिषद की बैठक
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि सांस्कृतिक विरासत को सहेजने के प्रयास के रूप में राज्य शासन द्वारा गोवर्धन पूजा का आयोजन किया गया। अपनी संस्कृति के प्रति संवेदनशीलता को प्रकट करते इस नवाचार की सभी ओर सराहना हुई। गौ-वंश के प्रति प्रेम को प्रदर्शित करने वाले इस पर्व से प्रदेश में दुग्ध उत्पादन को प्रोत्साहन प्रदान करने में भी सहायता मिलेगी। उन्होंने कहा कि रीवा में हुई रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव उत्साहवर्धक रही है। उद्योगपतियों और निवेशको नें प्रदेश में गतिविधियों के संचालन में रुचि प्रदर्शित की है। रीवा में 31 हजार करोड़ के निवेश के प्रस्ताव प्राप्त हुए और लगभग 28 हजार रोजगार के अवसर सृजित हुए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया कि अगली रीजनल इंडस्ट्री कांक्लेव आगामी 7 दिसंबर 2024 को नर्मदापुरम में होगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने मंत्रालय में मंत्रि-परिषद की बैठक से पहले हुए संबोधन में यह जानकारी दी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव की अध्यक्षता में मंत्रि-परिषद की बैठक वंदे-मातरम के गान के साथ मंत्रालय में आरंभ हुई।
पुलिस को फ्यूचर रेडी होना होगा : मुख्यमंत्री डॉ. यादव
आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के दुरूपयोग और सायबर क्राइम के खतरे से समाज को बचाने रहें तैयार
प्रत्येक थाने में सायबर डेस्क, हर जिले में सायबर थाना और राज्य स्तर पर किया जाए कॉल सेंटर स्थापित
नशे के नेटवर्क को धवस्त करें : संदिग्ध हुक्काबार एवं नाइट क्लब पर बढ़ाएं निगरानी
वन्य पशुओं की गतिविधियों के संबंध में वन विभाग से सम्पर्क में रहें पुलिस कर्मी
मुख्यमंत्री ने की गृह विभाग की समीक्षा
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के दुरूपयोग और सायबर क्राइम के खतरे से समाज को बचाने के लिए मध्यप्रदेश पुलिस को फ्यूचर रेडी होना होगा। इसके लिए सूचना प्रौद्योगिकी की अद्यतन तकनीकों का उपयोग करते हुए प्रत्येक थाने में सायबर डेस्क, हर जिले में सायबर थाना और राज्य स्तर पर कॉल सेंटर स्थापित किया जाए। सायबर फ्रॉड और क्राइम से लोगों को बचाने के लिए सघन जागरूकता अभियान भी चलाया जाए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि पुलिस, सोशल मीडिया पर चलने वाली गतिविधियों और मैसेज आदि पर निगरानी रखें तथा भ्रामक, गलत खबर फैलाने वालों पर त्वरित कार्रवाई करें। कानून-व्यवस्था के साथ अन्य भ्रामक खबरों के बारे में संबंधित विभाग को तथ्यों की जाँच करने के लिए अवगत कराया जाए, जिससे वस्तुस्थिति की पुष्टि करते हुए सही जानकारी का सोशल मीडिया पर तत्काल प्रसार सुनिश्चित किया जा सके। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने यह निर्देश मंत्रालय में हुई गृह विभाग की समीक्षा बैठक में दिए। मुख्य सचिव श्री अनुराग जैन, अपर मुख्य सचिव गृह श्री एस.एन. मिश्रा, अपर मुख्य सचिव डॉ. राजेश राजौरा, पुलिस महानिदेशक श्री सुधीर सक्सेना सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
पीपीपी मोड पर बनाए जाएं आईटी पार्क : मुख्यमंत्री डॉ. यादव
समान कार्य स्वरूप की संस्थाएंमिलकर करें कार्य
सायबर सुरक्षा का जिम्मा इलेक्ट्रानिक विकास निगम को देंगे
मुख्यमंत्री ने विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के कार्यों की समीक्षा की
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि शासकीय विभाग जन-कल्याण के लिए ड्रोन तकनीक के अधिक उपयोग के लिए प्रयास बढ़ाएं। अवैध वृक्ष कटाई, अवैध खनिज उत्खनन, सघन बस्तियों में पुलिस पेट्रोलिंग में ड्रोन टेक्नोलॉजी का उपयोग बढ़ाया जाए। वन क्षेत्रों में शिकार की घटनाएं भी ड्रोन तकनीक से ज्ञात कर अपराधियों को दंडित करने में उपयोग किया जाए। मैपकास्ट के साथक्रिस्प और इस तरह की अन्य संस्थाएं समान स्वरूप की गतिविधियों का संयुक्त रूप से समन्वय पूर्वक संचालन करें। मुख्यमंत्री डॉ. यादव मंगलवार को मंत्रालय कक्ष में हुई बैठक में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग की गतिविधियों की समीक्षा कर रहे थे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के महत्वपूर्ण कार्यों और संचालित प्रकल्पों से संबंधित निर्देश दिए।
सिविल सेवाओं में महिलाओं को 35 प्रतिशत आरक्षण का अनुसमर्थन
254 नए उर्वरक विक्रय केंद्रो की स्थापना की स्वीकृति
नवीन मेडिकल कॉलेज में प्राध्यापकों की भर्ती की आयु सीमा की गई 50 वर्ष
मुख्यमंत्री डॉ. यादव की अध्यक्षता में मंत्रि-परिषद के निर्णय
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में मंत्रि-परिषद की बैठक मंत्रालय में हुई। मंत्रि-परिषद द्वारा मध्यप्रदेश सिविल सेवा (महिलाओं की नियुक्ति के लिए विशेष उपबंध) नियम, 1997 में मुख्यमंत्री के आदेश दिनांक 13.09.2023 एवं इसके परिपालन में विभाग द्वारा जारी अधिसूचना 3 अक्टूबर, 2023 का अनुसमर्थन किया गया। इस निर्णय से महिला आरक्षण 35 प्रतिशत होगा।
254 नए उर्वरक विक्रय केंद्रो की स्थापना की स्वीकृति
मंत्रि-परिषद द्वारा वर्ष 2024-25 में (खरीफ एवं रबी सीजन में) 254 नए उर्वरक विक्रय केन्द्र स्थापित करने पर मानव संसाधन पर होने वाली संभावित व्यय की वास्तविक राशि अधिकतम 1 करोड़ 72 लाख रूपये की सीमा तक की प्रतिपूर्ति राज्य शासन द्वारा किए जाने का निर्णय लिया गया।
प्रसव-प्रतीक्षालय की पहल स्वास्थ्य सेवाओं को और बेहतर बनाने में सहायक होगी सिद्ध – मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव
स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में प्रसव-प्रतीक्षालय की नवाचारी पहल, मील का पत्थर
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने अरविंदों हॉस्पिटल इंदौर में प्रसव-प्रतीक्षालय का किया शुभारंभ
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मंगलवार को श्री अरविंदो यूनिवर्सिटी इंदौर में अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त “प्रसव-प्रतीक्षालय” का शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश और मध्य प्रदेश स्वास्थ्य सेवाओं को क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ा रहा है। मेडिकल टूरिज्म डेवलपमेंट करने की सोच विकसित हो रही है। प्रसव-प्रतीक्षालय की पहल स्वास्थ्य सेवाओं को और बेहतर बनाने में सहायक सिद्ध होगी। प्रसव-प्रतीक्षालय का नवाचार अभिनव पहल है। प्रसव-प्रतीक्षालय से दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्र की प्रसूता महिलाओं एवं उनके परिजनों को समय पर स्वास्थ्य सेवा का लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि प्रसव-प्रतीक्षालय की यह नवाचारी पहल स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में मिल का पत्थर सिद्ध होगी। इस प्रयास को प्रोत्साहित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि अरविंदो अस्पताल प्रबंधन का चिकित्सा सेवा भाव अनुकरणीय है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों को गोद लेने की डॉ. विनोद भंडारी की पहल का स्वागत करते हुए शासन की ओर से हर संभव सहयोग के लिये आश्वास्त किया। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री को डॉ. भंडारी ने स्मृति-चिन्ह भेंट किया।