चंद्रयान-3 अंतरिक्ष में कचरे से टकराकर नष्ट हो सकता था:वैज्ञानिकों ने लॉन्चिंग में 4 सेकेंड की देरी कर इसे बचाया, ISRO की रिपोर्ट में खुलासा
भारत का चंद्रयान-3 स्पेसक्राफ्ट चांद पर पहुंचने से पहले ही अंतरिक्ष में कचरे और सैटेलाइट से टकराकर नष्ट हो सकता था। ISRO के वैज्ञानिकों ने इससे बचने के लिए लॉन्चिंग 4 सेकेंड देरी से की थी। ISRO चेयरमैन एस. सोमनाथ ने हाल ही में इंडियन स्पेस सिचुएशनल असेसमेंट रिपोर्ट (ISSAR) 2023 जारी की है। इस रिपोर्ट में ये जानकारी सामने आई है। चंद्रयान को जुलाई 2023 में लॉन्च किया गया था।
14 जुलाई 2023 को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से LVM3-M4 रॉकेट के जरिए चंद्रयान-3 को लॉन्च किया गया था।
14 जुलाई 2023 को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से LVM3-M4 रॉकेट के जरिए चंद्रयान-3 को लॉन्च किया गया था।
टकराव से बचने के लिए ISRO करता है एनालिसिस लॉन्च व्हीकल्स के लिफ्ट-ऑफ क्लियरेंस के लिए ISRO कोलिजन अवॉइडेंस एनालिसिस करता है। इसे शॉर्ट में COLA कहते हैं। ये ISRO का मैंडेटरी लॉन्च क्लियरेंस प्रोटोकॉल है। ऐसा किसी भी टकराव से बचने के लिए किया जाता है।
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