औद्योगिक समृद्धि के आधार पर देश का नंबर वन राज्य बनेगा मध्यप्रदेश : मुख्यमंत्री डॉ. यादव
मुख्यमंत्री की गतिशीलता प्रदेश के औद्योगिकीकरण में सहायक: मंत्री श्री काश्यप
43वें भारत अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले में मध्यप्रदेश दिवस का आयोजन
मुख्यमंत्री डॉ यादव ने मेले में मध्यप्रदेश मंडप का किया उद्घाटन
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि मध्यप्रदेश प्राकृतिक संसाधनों और संपदा से संपन्न राज्य है। प्रदेश की हर काल और युग में विशेष सांस्कृतिक पहचान रही है। आधुनिक काल में औद्योगिक समृद्धि के आधार पर देश का नंबर वन राज्य बनाने के संकल्प के साथ प्रदेश में रोजगारपरक उद्योगों को बढ़ावा दिया जा रहा है। प्रदेश की समृद्ध प्राचीन संस्कृति और कलात्मक धरोहर को संजोए रखते हुए जन-कल्याणकारी नीतियों के माध्यम से उद्योग अनुकूल वातावरण तैयार कर प्रदेश में व्यापार, उद्योग और सेवा क्षेत्रों का वृहद विकास हो रहा है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव मंगलवार को दिल्ली स्थित भारत मंडपम में चल रहे 43वें भारत अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले में मध्यप्रदेश दिवस समारोह को संबोधित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश में दो ज्योतिर्लिंग स्थित है। यह नदियों का मायका है, जहां पावन नर्मदा और शिप्रा नदियां बहती हैं। प्रदेश वन्य-जीव से संपन्न एकमात्र टाइगर स्टेट, तेंदुआ स्टेट और चीता स्टेट राज्य है। प्रदेश में खनिज संपदा भी प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है और यह एकमात्र हीरा उत्पादक राज्य है। इसके अलावा प्रदेश की सदियों से कला, संस्कृति और सभ्यता की विशेष पहचान रही है। इसका 5 हजार साल पुराना समृद्ध इतिहास रहा है और यह भगवान श्रीकृष्ण और भगवान श्रीराम की कर्मभूमि और तपोभूमि रही है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि ऐतिहासिक काल से ही प्रदेश की व्यापार और व्यावसायिक समृद्धि की भी विशेष पहचान रही है। इसी क्रम में वर्तमान में मध्यप्रदेश सरकार संभागीय स्तर पर रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव और औद्योगिक केंद्रों में रोड-शो कर प्रदेश में उद्योगपतियों को निवेश के लिए आमंत्रित कर रहा है। प्रदेश में ‘एक जिला-एक उत्पाद’ योजना के अंतर्गत महिला स्व-सहायता समूह को भी प्रोत्साहित किया जा रही है। प्रदेश में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों के साथ भारी उद्योगों को भी बढ़ावा दिया जा रहा है। प्रदेश को सबसे तेज गति से बढ़ने वाला राज्य बनाने के उद्देश्य से वर्ष 2025 को उद्योग वर्ष के रूप में मनाया जाएगा। मध्यप्रदेश की सकल घरेलू उत्पाद को अगले 5 साल में दोगुना करने के लिए प्रदेश सरकार संकल्पित है।
सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री श्री चैतन्य कुमार काश्यप ने कहा कि विकसित भारत की प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की परिकल्पना और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की तत्परता के परिणामस्वरुप मध्यप्रदेश औद्योगीकीकरण के क्षेत्र में नई ऊंचाइयों को छू रहा है। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री की परिकल्पना से रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव के आयोजन के माध्यम से हर जिले में युवा उद्यमी आगे बढ़ रहे है। प्रमुख उद्योगपतियों को आमंत्रित करने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री डॉ. यादव विदेश यात्रा पर भी जाने वाले हैं। विकसित मध्यप्रदेश बनाने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री ने वर्ष 2025 को उद्योग वर्ष के रूप में मनाने का निर्णय लिया है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने मेले में मध्यप्रदेश मंडप का दीप प्रज्ज्वलित कर उद्घाटन किया। उन्होंने मध्यप्रदेश मंडप में लगे विभिन्न स्टॉल का अवलोकन भी किया और शिल्पकारों का मनोबल बढ़ाया। मंडप को ‘विकसित भारत@2047’ की थीम पर विकसित किया गया है, जिसमें प्रदेश की धरोहर के साथ स्टार्ट-अप्स और उद्यमों का कलात्मक प्रदर्शन किया गया है। मंडप में युवा, गरीब, नारी और किसान कल्याण के मिशन को प्रमुखता से प्रदर्शित किया गया है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कार्यक्रम में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए पुरस्कार भी वितरित किए। मध्यप्रदेश मंडप में बेस्ट स्टॉल डिस्प्ले के लिए पर्यटन विभाग और हस्तकला के लिए मध्यप्रदेश माटीकला बोर्ड को पुरस्कृत किया गया। मंडप में सर्वश्रेष्ठ सजीव कला प्रदर्शन के लिए श्री मोहम्मद यूसुफ खत्री को सम्मानित किया गया। साथ ही मध्यप्रदेश मंडप के अन्य प्रतिभागियों को भी श्रेष्ठ प्रदर्शन के लिए सम्मानित किया गया।
मध्यप्रदेश दिवस समारोह में प्रदेश की समृद्ध सांस्कृतिक कार्यक्रम की झलक देखने को मिली। डॉ. शिप्रा सुल्लेरे के संगीत निर्देशन और श्री दविंदर सिंह ग्रोवर के संयोजन में जबलपुर के श्री जानकी बैंड की प्रस्तुति दी गई। सुश्री पूजा श्रीवास्तव के निर्देशन में बुंदेलखंड के अखाड़ा लोक नृत्य की भी मनमोहक प्रस्तुति हुई।
कार्यक्रम में केंद्रीय महिला बाल विकास राज्यमंत्री श्रीमती सावित्री ठाकुर, प्रदेश की नगरीय विकास एवं आवास राज्यमंत्री श्रीमती प्रतिमा बागरी और मध्यप्रदेश लघु उद्योग निगम के प्रबंध संचालक श्री दिलीप कुमार भी उपस्थित थे।
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