सामूहिक विवाह कार्यक्रमों को दें रचनात्मक स्वरूप – मुख्यमंत्री डॉ. यादव

प्रदेश में हुए 675 कल्याणी बहनों के विवाह
मुख्यमंत्री ने की दिव्यांगजन सशक्तिकरण और समाज कल्याण योजनाओं की समीक्षा

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि सामूहिक विवाह कार्यक्रमों को रचनात्मक स्वरूप प्रदान किया जाए। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना में सामूहिक विवाह कार्यक्रमों के लिए शासन की ओर से मिलने वाले आर्थिक लाभ को सार्थक बनाने का प्रयास करें। ऐसे आयोजनों में समाज के संपन्न और सक्षम लोगों का सहयोग प्राप्त किया जाए। जनप्रतिनिधियों की भागीदारी के साथ ही आयोजन में कुरीतियों के विरुद्ध आवश्यक संदेश भी दिए जाएं। खर्चीले विवाह नहीं होना चाहिए। सामाजिक कुरीतियों को खत्म करते हुए ऐसे कार्यक्रमों को अधिक उपयोगी और रचनात्मक स्वरूप प्रदान किया जाए।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने मंगलवार को समत्व भवन, मुख्यमंत्री निवास में सामाजिक न्याय और दिव्यांगजन सशक्तिकरण योजनाओं की समीक्षा कर आवश्यक निर्देश दिए। साथ ही समाज सेवा के क्षेत्र में अशासकीय संगठनों की सहभागिता और दिव्यांगजन योजना कल्याण के कार्यक्रमों के क्रियान्वयन की समीक्षा की। बैठक में मुख्य सचिव श्री अनुराग जैन, मुख्यमंत्री कार्यालय में अपर मुख्य सचिव डॉ. राजेश राजौरा और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि कुछ नगरों में निजी संस्थाएं दिव्यांग सशक्तिकरण के क्षेत्र में अच्छा कार्य कर रही हैं। इससे अन्य नगरों के सामाजिक संस्थानों को भी प्रेरणा मिलती है। उदाहरण के लिए उज्जैन में टॉवर चौराहे के नजदीक दिव्यांगजन को फिजियोथेरेपी का लाभ दिलवाने के लिए डॉ. सारस्वत द्वारा सहयोग किया जा रहा है। इसी तरह नेत्रहीन लोगों एवं वरिष्ठजन को विशेष चश्मा प्रदान करने का कार्य भी विभिन्न नगरों में किया जा रहा है। इस चश्मे के निर्माण में आधुनिक तकनीक का उपयोग किया गया है। बुजुर्गों को भी चश्मा बहुत कम राशि में उपलब्ध करवाया जा सकता है। इस कार्य में सामाजिक संगठनों का सहयोग लिया जाए।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बैठक में विभिन्न पेंशन योजनाओं और सामाजिक कल्याण की योजनाओं के अच्छे क्रियान्वयन के लिए निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि पात्र व्यक्तियों को लाभान्वित करने के लिए आवश्यक प्रयास हों। कल्याणी अर्थात विधवा स्त्रियों के विवाह के लिए शासन द्वारा दो लाख रुपए की प्रोत्साहन राशि का प्रावधान है। इस योजना का अधिक प्रचार होना चाहिए जिससे जरूरतमंद कल्याणी इसका लाभ ले सकें। सामाजिक दृष्टि से यह पुण्य कार्य है। बैठक में बताया गया कि गत वित्त वर्ष में 13 करोड़ से अधिक राशि इस मद में व्यय की गई है। प्रदेश में इस वर्ष 675 कल्याणी विवाह संपन्न हुए हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने दिव्यांगों को एक लाख रुपए कीमत की विशेष साइकिल जो घर में व्हीलचेयर के रूप में कार्य करती है, इसका अधिक से अधिक पात्र लोगों को दिलवाने के निर्देश दिए। इसी तरह जयपुर पैर की उपलब्धता और मध्यप्रदेश में दिव्यांगजन को इसका लाभ दिलवाने के लिए जन जागरूकता अभियान चलाने के निर्देश दिए गए।

बैठक में विवाह कार्यक्रम कम खर्च में करने और व्यक्तिगत स्तर पर भी सादगी पूर्ण विवाहों को प्रोत्साहन देने, मृत्यु भोज पर अंकुश और नशे के विरुद्ध अभियान चलाने के संबंध में भी चर्चा हुई। बताया गया कि विभिन्न अस्पतालों में दिव्यांग लोगों के लिए आवश्यक उपचार की व्यवस्थाओं को भी सुनिश्चित किया जा रहा है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने उज्जैन में दिव्यांगजन के लिए श्री सुधीर गोयनका द्वारा लगभग 300 नागरिकों की सहायता के लिए संचालित केंद्र का उदाहरण भी दिया गया।

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