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टीम बनाकर करें बिजली चोरी प्रकरणों की जांच

ऊर्जा मंत्री ने की पूर्व क्षेत्र विद्युत कंपनी के कार्यों की समीक्षा

ऊर्जा मंत्री श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने जबलपुर में बिजली चोरी के प्रकरणों पर कार्रवाई करने वाले अधिकारियों की सराहना करते हुए कहा कि अन्य जिलों में भी इसी तरह की कार्रवाई करें। उन्होंने कहा कि बड़े बकायादारों एवं बड़े संस्थानों में बड़े घरों में चोरी करते पाये जाने पर कड़ी कार्रवाई करेंगे तो इसका संदेश अच्छा जायेगा। टीम बनाकर बिजली चोरी पकड़ने की कार्रवाई करें। उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं करने पर माना जायेगा कि अधिकारी भी इसमें शामिल हैं। श्री तोमर ने कहा कि जबलपुर की टीम को वे स्वयं सम्मानित करेंगे। श्री तोमर के यह बातें पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के कार्यों की समीक्षा के दौरान कही।

रबी के लिए किसानों को समय से मिलें उत्तम उर्वरक और बीज : एपीसी श्री सुलेमान

प्रदेश में उर्वरकों की पर्याप्त उपलब्धता
डीएपी के समान ही गुणवत्ता युक्त है एनपीके
किसान नरवाई ना जलाएं, सुपर सीडर का उपयोग करें
25 अक्टूबर से होगी सोयाबीन की समर्थन मूल्य पर खरीदी
कृषि उत्पादन आयुक्त (एपीसी) ने खरीफ-2024 के संबंध में भोपाल एवं नर्मदापुरम संभाग की बैठक ली

रबी फसलों के लिए किसानों को समय से उत्तम उर्वरक और बीज मिलना सुनिश्चित किया जाए। प्रदेश में सभी उर्वरकों की पर्याप्त उपलब्धता है। डीएपी के समान ही एनपीके गुणवत्ता युक्त है। इसमें फसलों के लिए सभी आवश्यक पोषक तत्व हैं। किसान नरवाई ना जलाएं, सुपर सीडर का उपयोग करें। प्रदेश में कहीं भी खाद, बीज का अवैध भंडारण, कालाबाजारी अथवा अमानक विक्रय न हो, यह सुनिश्चित किया जाए। समर्थन मूल्य पर सोयाबीन विक्रय के लिए किसानों को हर आवश्यक सुविधा उपलब्ध कराई जाए।

राज्य सरकार बनाने जा रही है आकर्षक फार्मा पॉलिसी : मुख्यमंत्री डॉ. यादव

मध्यप्रदेश 160 से अधिक देशों को निर्यात कर रहा है दवाएं
वर्ष 2023-24 में प्रदेश से 11 हजार 889 करोड़ रुपये के फार्मा प्रोड्क्ट का हुआ एक्सपोर्ट
पेट्रो-केमिकल इकाइयों को प्रशिक्षित मानव संसाधन उपलब्ध कराने प्रदेश में की जा रही है पहल
प्रदेश में केमिकल-फार्मा-पेट्रो-केमिकल और प्लास्टिक जैसे उद्योगों के लिए है बेहतरीन इकोसिस्टम
भारत पेट्रोलियम की 50 हजार करोड़ और गैल की 35 हजार करोड़ लागत की पेट्रो-केमिकल परियोजनाओं का कार्य जारी
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने मुंबई में इंडिया केम- 2024 के 13वें संस्करण को किया संबोधित

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि मध्यप्रदेश में केमिकल, फार्मा, पेट्रो-केमिकल और प्लास्टिक जैसे उद्योगों के लिए बेहतरीन इको-सिस्टम विद्यमान है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा बीना में भारत पेट्रोलियम की 50 हजार करोड़ रुपये से अधिक की पेट्रो-केमिकल परियोजना का भू्मि-पूजन किया गया, जिसका कार्य आरंभ हो गया है। प्रदेश में 35 हजार करोड़ की गेल इंडिया की वृहद पेट्रो-केमिकल परियोजना का काम तेजी से जारी है, इससे 25 हजार व्यक्तियों को प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा। प्रदेश में केमिकल और पेट्रो-केमिकल क्षेत्र की देश की सबसे बड़ी निजी और सार्वजनिक क्षेत्र की प्रमुख कंपनियां कार्यरत हैं। प्रदेश में 275 फार्मा यूनिट्स स्थापित हैं, जिनसे 160 से अधिक देशों को दवाएं निर्यात हो रही हैं। दवा निर्यात में मध्यप्रदेश का देश में चौथा स्थान है। वर्ष 2023-24 में 11 हजार 889 करोड़ रुपये के फार्मा प्रोड्क्ट का एक्सपोर्ट हुआ है। इस क्षेत्र में और अधिक निवेश आकर्षित करने तथा गतिविधियों को विस्तार देने के लिए राज्य सरकार आकर्षक फार्मा पॉलिसी बनाने जा रही है। हम एक फ्यूचर रेडी स्टेट हैं, रसायन और उर्वरक के क्षेत्र में राज्य सरकार के प्रयास, आने वाले समय में विकास की नई कहानी लिखने वाले हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव शुक्रवार को मुंबई में इंडिया केम- 2024 के 13वें संस्करण को संबोधित कर रहे थे।

आयुर्वेद को आगे बढ़ाना, भारतीय संस्कृति का प्रचार : राज्यपाल श्री पटेल

राज्यपाल ने किया आयुर्वेद चिकित्सकों का सम्मान, निबंध प्रतियोगिता के विजेताओं को पुरस्कृत
पं. उद्धवदास मेहता स्मृति न्यास द्वारा मानस भवन में समारोह का आयोजन

राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने कहा कि आयुर्वेद, भारतीय संस्कृति का अभिन्न अंग है। आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति को आगे बढ़ाना, हमारी संस्कृति का प्रचार है। हमारा सौभाग्य है कि प्रदेश में आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों का भरपूर भंडार है। प्रदेश के जनजातीय भाई-बहनों के पास प्राकृतिक जड़ी-बूटियों और औषधीय पेड़-पौधों के ज्ञान का खजाना मौजूद हैं। उन्होंने सभी से आव्हान किया कि आयुर्वेद के फायदों के बारे में आमजनों को जागरूक करें। राज्यपाल श्री पटेल पं. उद्धवदास मेहता स्मृति न्यास द्वारा आयोजित शीर्ष आयुर्वेद चिकित्सकों का सम्मान और अखिल भारतीय आयुर्वेद पी.जी. निबंध प्रतियोगिता के पुरस्कार समारोह को संबोधित कर रहे थे।

सम्मान समारोह का आयोजन विश्व आयुर्वेद परिषद के सहयोग से मानस भवन भोपाल में किया गया। इस अवसर पर राज्यपाल श्री पटेल ने आयुर्वेद चिकित्सकों का सम्मान किया और निबंध प्रतियोगिता के विजेताओं को पुरस्कृत किया। उन्हें बधाई और शुभकामनाएं दी। न्यास की स्मारिका का लोकार्पण भी किया।

      राज्यपाल श्री पटेल ने कहा कि आयुर्वेद आरोग्य का विज्ञान है। यह मानव के सम्पूर्ण स्वास्थ्य, खान-पान और आचार-विचार पर केन्द्रित है। यह रोगों के इलाज के साथ ही स्वस्थ जीवन शैली पर भी फोकस करता है। राज्यपाल श्री पटेल ने कहा कि आयुष के क्षेत्र में हर्बल मेडिसिन, आयुर्वेद और योग टूरिज्म की असीम संभावनाओं को अवसर में बदलने विशेष प्रयास किए जाए। उन्होंने बच्चों को समझाईश भी दी कि फास्ट फूड्स और कोल्ड ड्रिन्क्स का सेवन नहीं करे। नियमित योग और कसरत करें। पौष्टिक आहार का सेवन करे।  

कोविड के बाद आयुर्वेद के हॉलिस्टिक विजन की ओर लौट रहा विश्व

      राज्यपाल श्री पटेल ने कहा कि आयुर्वेद वेलनेस को प्रमोट करता है। वह उसी व्यक्ति को स्वस्थ मानता है जिसका शरीर संतुलन में हो। जिसकी सभी क्रियाएँ संतुलित हों और मन प्रसन्न हो। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के अनुभव के बाद, सम्पूर्ण विश्व आयुर्वेदिक ज्ञान के हॉलिस्टिक विजन और जीवन दर्शन की ओर लौट रहा है। राज्यपाल श्री पटेल ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में आयुर्वेद को विश्व भर में नई पहचान मिल रही हैं। केन्द्र सरकार ने आयुष मंत्रालय बनाने और ऑल इण्डिया इंस्टीट्यूट ऑफ आयुर्वेद खोलने की पहल की है। जामनगर गुजरात में विश्व का पहला और इकलौता ग्लोबल सेन्टर फॉर ट्रेडिशनल मेडिसिंन विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा खोला गया है। सेन्टर फॉर इंटीग्रेटेड मेडिसिन, एम्स द्वारा योग और आयुर्वेद से जुड़ी कई महत्वपूर्ण रिसर्च हो रही है। आयुष रिसर्च पोर्टल पर 40 हजार से अधिक स्टडीज का डेटा भी उपलब्ध हो गया है।

     आयुष, उच्च शिक्षा एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री श्री इंदर सिंह परमार ने कहा कि आयुर्वेद एक जीवन पद्धति है। आयुर्वेद का भारतीय ज्ञान परम्परा में महत्वपूर्ण स्थान है। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के माध्यम से प्रदेश में भी आयुर्वेदिक चिकित्सा के क्षेत्र में विशेष कार्य किए जा रहे है। मंत्री श्री परमार ने कहा कि स्मृति न्यास के अंतर्गत आयुर्वेद लाईब्रेरी स्थापित की जाएगी। इस लाईब्रेरी का स्वरूप डिजिटल भी होगा ताकि विश्व भर के आयुर्वेद चिकित्सकों, छात्रों, शोधार्थियों और आमजनों को भी लाभ मिल सके। सांसद श्री आलोक शर्मा ने आयुर्वेदिक चिकित्सा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले चिकित्सकों को बधाई दी। आयुर्वेद के प्रचार-प्रसार के विभिन्न आयोजनों के लिए स्मृति न्यास को साधुवाद दिया। भोपाल (दक्षिण-पश्चिम) विधायक श्री भगवान दास सबनानी ने आयुर्वेद चिकित्सा के प्रचार-प्रसार में पं. उद्धवदास मेहता के योगदान को याद किया।

      राज्यपाल श्री पटेल का पुष्प-गुच्छ से स्वागत और शॉल, श्रीफल और स्मृति चिन्ह भेंट कर अभिनंदन किया गया। पं. उद्धवदास मेहता स्मृति न्यास के अध्यक्ष श्री उमाशंकर गुप्ता ने पं. मेहता के व्यक्तित्व और कृत्तिव पर प्रकाश डाला। उन्होंने न्यास के उद्देश्यों, कार्यों और उपलब्धियों की जानकारी दी। प्रो. गोविन्द सहाय शुक्ल ने समारोह की रूपरेखा और प्रतिभागियों की जानकारी दी। आभार समारोह के प्रायोजक झन्डु ईमामी के डॉ. आदित्य ने किया। सम्मान समारोह में झन्डु ईमामी के श्री संजय भट्ट, वरिष्ठ आयुर्वेद चिकित्सक, विजेता प्रतिभागी, आयुर्वेद छात्र-छात्राएं, उनके परिजन, विश्व आयुर्वेद परिषद के पदाधिकारीगण उपस्थित थे।

खनिज कॉन्क्लेव में 20 हजार करोड़ के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए : मुख्यमंत्री डॉ. यादव

प्रदेश में खनिज क्षेत्र में निवेश को पूर्ण प्रोत्साहन
11 औद्योगिक संस्थान निवेश के लिये आगे आये
हीरे के बाद अब सोना भी निकालेगा मध्यप्रदेश
अयोध्या में रामलला के मंदिर में उपयोग में लाए गए मध्यप्रदेश के मंडला के पत्थर
मुख्यमंत्री दो दिवसीय माईनिंग कॉन्क्लेव के समापन सत्र में हुए शामिल

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि मध्यप्रदेश खनिज संपदा से समृद्ध राज्य है। इस संपदा के दोहन के लिए प्रयास बढ़ाते हुए खनिज क्षेत्र में नए निवेश को पूरा प्रोत्साहन दिया जाएगा। खनन क्षेत्र के उद्यमियों को राज्य सरकार सभी आवश्यक सुविधाएं प्रदान करेगी। प्रदेश की खनिज संपदा का दोहन करते हुए उत्पाद भी प्रदेश में ही हो, ऐसे प्रयास किए जाएं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव शुक्रवार को 2 दिवसीय माईनिंग कॉन्क्लेव के समापन सत्र को संबोधित कर रहे थे। कुशाभाऊ ठाकरे सभागार में सम्पन्न कॉन्क्लेव में विभिन्न 11 औद्योगिक संस्थानों की ओर से 19,650 करोड़ रूपए के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव की उपस्थिति में एमओआईएल (भारत सरकार का उपक्रम) और मध्यप्रदेश राज्य खनिज निगम लिमिटेड के मध्य खनिज ब्लॉक से संबंधित “संयुक्त उद्यम समझौता” हस्ताक्षरित भी हुआ। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने इस कॉन्क्लेव को सफल आयोजन बताते हुए कहा कि प्रदेश के खनिज राजस्व में भी 5 गुना वृद्धि का लक्ष्य आने वाले समय में प्राप्त किया जाएगा। उद्यमियों के साथ भू-गर्भ शास्त्री, वैज्ञानिक, खनिज विभाग के वरिष्ठ अधिकारी, भारत सरकार के खनिज मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी, जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया के अधिकारी कॉन्क्लेव में शामिल हुए हैं।

अभियान के तीसरे दिन उपनगर ग्वालियर की विभिन्न बस्तियों में पहुँचे ऊर्जा मंत्री श्री तोमर

साफ-सफाई एवं मूलभूत समस्याओं की वस्तुस्थिति जानी
सीवर लाइन चौक मिलने पर जताई नाराजगी
लोगों से किया आग्रह, कचरा निगम के वाहन में ही डालें

उपनगर ग्वालियर की बस्तियों की साफ-सफाई एवं मूलभूत समस्याओं के निराकरण के लिये ऊर्जा मंत्री श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर द्वारा विशेष अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान के तीसरे दिन भी श्री तोमर ने इस क्षेत्र की विभिन्न बस्तियों में पहुँचकर साफ सफाई एवं विद्युत, सीवर व पेयजल आदि समस्याओं की वस्तुस्थिति जानी। उन्होंने मेवाती मोहल्ले में सीवर चौक मिलने पर नाराजगी जताई। साथ ही स्वयं खडे होकर सीवर की सफाई कराई। श्री तोमर ने नगर निगम के अधिकारियों को इस सीवर लाइन को सुचारू करने के निर्देश भी दिए।

केन्द्रीय योजनाओं के क्रियान्वयन में सबसे आगे मध्यप्रदेश : मुख्यमंत्री डॉ.यादव

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश में विकास की जो गंगा प्रवाहित हो रही है उससे मध्यप्रदेश भी विकास की ओर तेजी से अग्रसर हो रहा है। प्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व में संचालित योजनाओं का मध्यप्रदेश को भरपूर लाभ भी मिल रहा है। केन्द्र सरकार की प्रमुख योजनाओं के क्रियान्वयन और उनका लाभ पात्र हितग्राहियों को दिलाने में मध्यप्रदेश, देश में लगातार अग्रणी बना हुआ है। इन योजनाओं के क्रियान्वयन के लिये प्रदेश को कई पुरस्कार भी प्राप्त हो चुके हैं।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि केन्द्र सरकार की जिन योजनाओं के क्रियान्वयन में मध्यप्रदेश देश में अग्रणी है उसमें पीएम स्व-निधि योजना, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना, पीएम आवास योजना, कृषि अवसंरचना निधि, प्रधानमंत्री मातृ-वंदना योजना, पीएम स्वामित्व योजना, नशामुक्त भारत अभियान, आयुष्मान भारत योजना, मछुआ क्रेडिट कार्ड योजना, राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम, प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना, राष्ट्रीय आजीविका मिशन और स्वच्छ भारत मिशन शामिल हैं।

केंद्र की योजनाओं में म.प्र की प्रगति और उपलब्धियाँ

प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) में 8 लाख 40 हजार 940 आवास निर्माण के लक्ष्य के विरूद्ध 8 लाख 20 हजार 575 आवास बनाये जा चुके हैं। योजना में उपलब्धि 97.58 प्रतिशत है।

प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) में 37 लाख 98 हजार 709 आवास निर्माण के लक्ष्य के विरूद्ध 36 लाख 25 हजार 20 आवास बनाये जा चुके हैं। योजना में उपलब्धि 95.43 प्रतिशत है।

जल जीवन मिशन में 83 लाख 27 हजार 582 के लक्ष्य के विरूद्ध 72 लाख 89 हजार 228 नल कनेक्शन (हर घर-नल से जल) प्रदाय कर 87.53 प्रतिशत उपलब्धि अर्जित की जा चुकी है।

आयुष्मान भारत योजना में 4 करोड़ 70 लाख 96 हजार 914 आयुष्मान कार्ड जारी करने का लक्ष्य प्राप्त हुआ था। निर्धारित लक्ष्य के विरूद्ध 4 करोड़ 2 लाख 22 893 आयुष्मान कार्ड जारी किये जा चुके हैं। योजना में उपलब्धि का प्रतिशत 85.83 है।

प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में 72 हजार 994 किलामीटर ग्रामीण सड़क बनाने के लक्ष्य के विरूद्ध 72 हजार 965 किलामीटर सड़क निर्माण किया जा चुका है। योजना में उपलब्धि का प्रतिशत 99.98 है।

पी.एम. किसान सम्मान निधि में लक्षित 83 लाख 83 हजार 208 किसानों को नियमित रूप से शत-प्रतिशत पात्र कृषक हितग्राही लाभान्वित हो रहे हैं। योजना में उपलब्धि का प्रतिशत 99.98 है।

पी.एम. जीवन ज्योति बीमा योजना में पंजीकृत 93 लाख हितग्राहियों का लाभ मिल रहा है। योजना में उपलब्धि का प्रतिशत 100 है।

स्वामित्व योजना में 29 लाख 99 हजार 23 स्वामित्व कार्ड जारी करने के लक्ष्य के विरूद्ध 23 लाख 50 हजार कार्ड जारी किये जा चुके हैं। साथ ही 43 हजार 130 ग्रामों का ड्रोन सर्वे कर शत-प्रतिशत उपलब्धि अर्जित की गई है।

भारत नेट योजना में 20 हजार 422 ग्राम पंचायतों में आप्टीकल फाईबर केबल स्थापित कर 100 प्रतिशत उपलब्धि अर्जित की गई।

स्वाइल हेल्थ कार्ड योजना में 7 लाख 79 हजार 651 स्वॉइल हेल्थ कार्ड वितरित कर 77.96 प्रतिशत उपलब्धि अर्जित की गई।

किसान क्रेडिट कार्ड योजना में 65 लाख 83 हजार 726 किसानों के क्रेडिट कार्ड तैयार कर निर्धारित लक्ष्य के विरूद्ध शत-प्रतिशत उपलब्धि अर्जित की गई है।

किसान क्रेडिट कार्ड (पशु पालन) योजना में 6 लाख 4 हजार 441 किसान क्रेडिट कार्ड का वितरण कर 78.84 प्रतिशत उपलब्धि अर्जित की गई।

किसान क्रेडिट कार्ड (मछली पालन) योजना में किसान क्रेडिट के निर्धारित लक्ष्य एक लाख 77 हजार 390 के विरूद्ध एक लाख 35 हजार 646 कार्ड वितरित कर 76 प्रतिशत उपलब्धि प्राप्त की गई।

अटल पेंशन योजना में निर्धारित लक्ष्य 26 लाख 15 हजार के विरूद्ध शत-प्रतिशत हितग्राहियों को लाभान्वित किया गया है।

पीएम स्व-निधि योजना में निर्धारित लक्ष्य 7 लाख 46 हजार 600 के विरूद्ध 11 लाख 74 हजार 96 हितग्राहियों को लाभान्वित कर मध्यप्रदेश, देश में नंबर-वन राज्य बन गया है। योजना में लक्ष्य के विरूद्ध 157.25 प्रतिशत की उपलब्धि अर्जित की गई है।

अमृत सरोवर योजना में निर्धारित 3900 सरोवर निर्माण के विरूद्ध 5839 सरोवर निर्माण कर देश में अग्रणी बना है।

 

विद्यार्थी भावी जीवन में निरंतर सीखने की भावना जागृत रखें – राज्यपाल श्री पटेल

पद्मभूषण डॉ. विजय पी. भटकर और डॉ. नरेन्द्र नाथ लाहा मानद उपाधि से सम्मानित
दीक्षांत समारोह में 126 गोल्ड मैडल, 297 पीएचडी एवं 397 स्नातकोत्तर उपाधियाँ प्रदान की गईं
जीवाजी विश्वविद्यालय का दीक्षांत समारोह

राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने कहा कि विद्यार्थी भावी जीवन में निरंतर सीखने की भावना जागृत रखें और “अन-लर्निंग, रि-स्किलिंग व अप-स्किलिंग” पर विशेष ध्यान दें। साथ ही यह संकल्प लें कि जीवन के उतार-चढ़ाव और विपरीत परिस्थितियों में भी अपने आदर्शों, ज्ञान और आचरण के उच्चतम प्रतिमानों का निष्ठा के साथ पालन करेंगे। राज्यपाल श्री पटेल ने यह बात जीवाजी विश्वविद्यालय ग्वालियर के दीक्षांत समारोह में उपाधि प्राप्त विद्यार्थियों का आह्वान करते हुए कही। उन्होंने गोल्ड मैडल व उपाधियाँ प्राप्त करने वाले सभी विद्यार्थियों, उनके अभिभावक व गुरुजनों को बधाई दी और सभी के उज्ज्वल भविष्य की कामना की।

मध्यप्रदेश बनेगा कैपिटल ऑफ माइंस

खनन उद्योग में निवेश और विकास की है असीमित संभावनाएँ

मध्यप्रदेश में प्रचुर संसाधन, अनुकूल नीतियों और मजबूत बुनियादी ढाँचे के साथ खनन उद्योग में निवेश और विकास की असीमित संभावनाएँ हैं, जो देश की खनिज संपदा में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है। मध्यप्रदेश भारत का एकमात्र हीरा उत्पादक राज्य है और कई अन्य खनिजों के उत्पादन में भी अग्रणी है। प्रदेश मैगनीज, कॉपर एवं अयस्क उत्पादन में देश में पहले स्थान पर, जबकि रॉक फॉस्फेट में दूसरे, चूना पत्थर में तीसरे और कोयला उत्पादन में चौथे स्थान पर है। ये खनिज उद्योग और ऊर्जा सुरक्षा के क्षेत्र में इसकी महत्ता को रेखांकित करते हैं।

कृषि विद्यार्थी किसानों की खेती संबंधी जटिल समस्याओं के समाधान में योगदान दें – राज्यपाल श्री पटेल

राज्यपाल की अध्यक्षता में ग्वालियर में हुआ कृषि विश्वविद्यालय का दशम दीक्षांत समारोह
समारोह में 4 मानद उपाधि, 7 गोल्ड मैडल एवं 979 उपाधियाँ प्रदान की गईं

राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने कृषि विद्यार्थियों का आह्वान करते हुए कहा कि पारंपरिक ज्ञान एवं आधुनिक ज्ञान-विज्ञान व तकनीकी कौशल का उपयोग कर किसानों की खेती संबंधी जटिल समस्याओं के समाधान में अपना योगदान दें। साथ ही वंचित एवं दूरस्थ अंचलों तक उन्नत कृषि तकनीक पहुँचाने के प्रयास भी प्रमुखता से करें। राज्यपाल श्री पटेल मंगलवार को ग्वालियर में राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय के दशम दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने उपाधियाँ प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों, उनके गुरुजनों व पालकों को बधाई व शुभकामनाएं प्रदान कीं।