गाजा के राफा इलाके में टैंक लेकर घुसे इजराइली सैनिक:मिस्र से सटे बॉर्डर पर कब्जा किया, 1 लाख फिलिस्तीनियों को निकाला जाएगा
हमास के सीजफायर समझौते स्वीकार करने के बाद मंगलवार को इजराइल की सेना टैंक लेकर दक्षिणी गाजा के राफा इलाके में घुस गई। उसने मिस्र से सटी गाजा की सीमा पर कब्जा कर लिया है। न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक इजराइल ने दावा किया है कि इस ऑपरेशन के दौरान उन्होंने 20 हमास लड़ाकों को मार गिराया। सैनिकों को इलाके में हमास की 3 सुरंगें मिली हैं।
हमास के साथ जंग में राफा इजराइली सेना के ऑपरेशन का आखिरी पड़ाव है। इजराइल ने इंटेलिजेंस के हवाले से दावा किया था कि हमास सीमा का इस्तेमाल आतंकी गतिविधियों के लिए करता है। राफा पर हमले से पहले इजराइल ने एक लाख फिलिस्तीनियों को इलाके से निकालने की बात कही है।
हमास ने सीजफायर कबूल किया लेकिन यह इजराइल को नामंजूर
इजराइल से जंग के 7 महीने बाद हमास ने मिस्र और कतर के सीजफायर के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया। हमास ने सोमवार (6 मई) को इसे लेकर आधिकारिक बयान जारी किया।
हमास के लीडर इस्माइल हानिए ने कतर के प्रधानमंत्री मोहम्मद बिन अब्दुल रहमान अल-थानी और मिस्र की खुफिया एजेंसी से फोन पर बात की। उन्होंने दोनों से कहा कि वे इजराइल के साथ युद्धविराम के लिए उनकी शर्तों को स्वीकार कर रहे हैं। हमास ने कहा, “अब फैसला इजराइल के हाथ में है कि वह सीजफायर के लिए तैयार होता है या नहीं।”
हालांकि, इजराइल ने कहा है कि हमास जिन शर्तों पर तैयार हुआ उसे वो मंजूर नहीं है। इसके बाद इजराइल ने जंग के आखिरी फेज की शुरुआत करते हुए दक्षिणी गाजा के राफा पर हमले किए।
हमास के सीजफायर प्रस्ताव के 3 फेज
अलजजीरा के मुताबिक, हमास ने जिस समझौते को स्वीकार किया है, उसमें तीन चरणों में युद्धविराम की बात कही गई है। हर चरण 42 दिनों तक चलेगा पहला चरण- इसमें इजराइल गाजा पर हमले रोकेगा। नेटजारिम कॉरिडोर से इजराइली सेना की वापसी होगी। यह वही इलाका जिसका इस्तेमाल इजराइली सेना ने नॉर्थ-साउथ गाजा को बांटने के लिए किया था।
इसके अलावा इजराइली सेना गाजा में हेलिकॉप्टरों और ड्रोन्स से हर दिन 10 घंटे निगरानी नहीं करेगी। वहीं हमास 33 इजराइली बंधकों को रिहा करेगा। हर इजराइली बंधक की रिहाई के बदले इजराइल 30 फिलिस्तीनियों को अपनी जेल से आजाद करेगा।
दूसरा चरण- पहला फेज सफल होने के बाद इजराइल-हमास अगले फेज की शर्तों पर चर्चा करेंगे। इसमें बचे हुए इजराइली बंधकों की रिहाई पर फोकस रहेगा। साथ ही गाजा में मौजूद बचे हुए इजराइली सैनिक पीछे हटेंगे।
तीसरा चरण- आखिरी फेज में गाजा में मारे गए इजराइली बंधकों के शव वापस लाए जाएंगे। गाजा को फिर से बसाने पर चर्चा होगी। इसको मिस्र, कतर और अमेरिका मॉनिटर करेंगे।
अमेरिका बोला- राफा पर हमले का समर्थन नहीं करेंगे
दूसरी तरफ अमेरिका ने कहा है कि वो फिलहाल प्रपोजल रिव्यू कर मि़डिल ईस्ट में अपने सहयोगियों से इस पर चर्चा कर रहे हैं। अमेरिका की प्राथमिकता इजराइली बंधकों को रिहा करवाना है।
अमेरिका के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने कहा, “हम राफा पर इजराइल के हमलों का समर्थन नहीं करते हैं। इजराइल के हमलों के दौरान गाजा के ज्यादातर लोग राफा चले गए थे। ऐसे में वहां हमला होने पर मानवीय नुकसान ज्यादा होगा। हम फिलिस्तीनियों की सुरक्षा के लिए बनाए गए प्लान को रिव्यू किए बगैर राफा पर हमले का समर्थन नहीं करेंगे।”
अमेरिका ने पहली बार इजराइल को गोला-बारूद की सप्लाई रोकी
राफा में सैन्य अभियान की घोषणा करके नेतन्याहू ने एक बार फिर अमेरिका को नाराज कर दिया है। यही कारण है कि 7 अक्टूबर के हमले के बाद पहली बार अमेरिका ने इजराइल भेजे जाने वाले गोला- बारूद की खेप रोक दी है।
न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक इस खेप में मिसाइल समेत जंग से जुड़े कई सामान थे। इससे पहले अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने नेतन्याहू से कहा था कि राफा में सैन्य अभियान से अमेरिका-इजराइल के संबंधों पर गलत असर पड़ेगा।
नवंबर में दोनों देशों के बीच पहले युद्धविराम के बीच हमास ने 112 बंधकों को रिहा किया था।
समझौता करवाने में जुटे हैं मिस्र, कतर और अमेरिका
मिस्र, कतर और अमेरिका साथ मिलकर हमास और इजराइल के बीच युद्धविराम करवाने की कोशिश कर रहे हैं। तीनों देशों ने शुक्रवार 26 अप्रैल को प्रपोजल पर बातचीत करने के लिए एक हाई-लेवल डेलिगेशन इजराइल भेजा था।
इससे पहले कतर और मिस्र की मध्यस्थता के बाद नवंबर में इजराइल-हमास के बीच पहली बार 4 दिन के लिए युद्धविराम हुआ था। इस दौरान हमास ने 112 बंधकों को रिहा किया था। वहीं इजराइल ने भी जेल में बंद 240 से ज्यादा फिलिस्तिनियों को छोड़ा था।
इजराइल ने हमास को दिया था आखिरी मौका
6 महीने की जंग में इजराइल ने राफा छोड़कर पूरे गाजा पर कब्जा कर लिया है। राफा पर हमले से पहले इजराइल ने हमास को समझौते का आखिरी मौका दिया था। इजराइल ने कहा था कि अगर हमास समझौता स्वीकार नहीं करता है, इजराइल राफा पर बड़ा हमला करेगा।
इसी कारण मिस्र का डेलिगेशन दोनों पक्षों में समझौते करवाने को कोशिश कर रहा है। पिछले दिनों रिपोर्ट आई थी कि मिस्र बंधकों को छोड़ने के लिए हमास पर दबाव बनाने की तैयारी कर रहा है। दरअसल राफा मिस्र की बॉर्डर के पास है। इसलिए उसे डर है कि अगर इजराइली सेना राफा पर हमला करेगी, तो बड़ी संख्या में शरणार्थी मिस्र में घुसने की कोशिश करेंगे।
इसी से बचने के लिए इजिप्ट का एक डेलिगेशन इजराइल और हमास के बीच शांति समझौते करवाने की कोशिश में जुटा है। इस समय 10 लाख से ज्यादा फिलिस्तीनियों ने राफा शहर में पनाह ली हुई है।
हमास के सीनियर अधिकारी खलील अल-हैय्या ने कहा था कि अगर फिलिस्तीन अलग देश बनता है तो हमास हथियार डाल देगा।
हमास के सीनियर अधिकारी खलील अल-हैय्या ने कहा था कि अगर फिलिस्तीन अलग देश बनता है तो हमास हथियार डाल देगा।
हमास ने 5 साल के युद्धविराम की इच्छा जाहिर की थी
कुछ दिन पहले हमास के एक सीनियर अधिकारी ने 5 साल के युद्धविराम की इच्छा जाहिर की थी। न्यूज एजेंसी AP को दिए इंटरव्यू में खलील अल-हैय्या ने कहा था कि अगर फिलिस्तीन एक अलग और आजाद देश बनता है तो हम हथियार डाल देंगे और एक साधारण राजनीतिक पार्टी के तौर पर काम करेंगे।
हालांकि, 7 अक्टूबर के हमले के बाद हमास का खात्मा करने की कसम खा चुका इजराइल इस समझौते के लिए सहमत नहीं है। अल-हैय्या का कहना था कि अगर फिलिस्तीन को 1967 की जंग से पहले के इलाके दिए जाते हैं तो वो इजराइल के खिलाफ युद्ध नहीं लड़ेगा।
कतर छोड़कर ओमान शिफ्ट होने की प्लानिंग कर रहा हमास: युद्धविराम का दबाव नहीं झेल पा रहा; कतर बिचौलिए की भूमिका से परेशान
हमास के लीडर जल्द ही कतर से अपने ठिकाने को हटा सकते हैं। वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका लगातार कतर पर इजराइल-हमास के बीच युद्धविराम संधि करवाने का प्रेशर बना रहा है, जो अब तक संभव नहीं हो पाया है। अरब अधिकारियों के हवाले से रिपोर्ट में बताया गया है कि हमास इस वक्त ओमान समेत 2 खाड़ी देशों से संपर्क में हैं।
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