चीन को मात देने के लिए अमेरिका बनाएगा स्विचब्लेड ड्रोन:इन्हें चलाने के लिए इंसानों की जरूरत नहीं; संसद ने 5 हजार करोड़ रुपए दिए

रूस-यूक्रेन जंग के बीच चीन रूस को लगातार सस्ते ड्रोन बनाने की टेक्नोलॉजी दे रहा है। इसी ड्रोन से रूस को यूक्रेन पर बढ़त मिल रही है। अमेरिकी रक्षा विभाग पेंटागन ने सोमवार (6 मई) को बताया कि अब इसी टेक्नोलॉजी को मात देने के लिए अमेरिका ‘स्विचब्लेड 600’ ड्रोन बनाएगा। जो सस्ते और आधुनिक होंगे।

पेंटागन के मुताबिक, वो इसके लिए रिप्लिकेटर प्रोग्राम को रुपए दे रहा है। रिप्लिकेटर प्रोग्राम अमेरिका का खुफिया हथियार बनाने का एक प्लान है। इस प्लान के तहत अमेरिका नई टेक्नोलॉजी का यूज करके कंप्यूटर से चलने वाले हथियार बना रहा है। इन्हें चलाने के लिए इंसानों की जरूरत नहीं होती है।

चीन अमेरिका की धमकी के बाद भी रूस को लगातार हथियार सप्लाई कर रहा है। अब अमेरिका चीन को जवाब देने के लिए नए हाईटेक ड्रोन बनाएगा और भविष्य में इन ड्रोन को अपने सहयोगियों को देगा।

अमेरिका 2030 तक बनाएगा आधुनिक हथियार
अमेरिका 2030 तक ऐसे हथियार बना लेगा, जो सीधे चीन के हथियारों को टक्कर दे सकें। इसके लिए अमेरिकी कंपनी स्विचब्लेड एयरोइरोनमेंट इंक के स्विचब्लेड 600 ड्रोन को चुना गया है। ये ड्रोन 39 किलोमीटर तक उड़ान भर सकते है। इनकी खास बात यह है कि ये लॉन्च से 40 मिनट पहले ही निष्क्रिय हो जाते हैं।

इसके अलावा कई कंपनियां आधुनिक हथियार बनाकर पेंटागन को बेचने की तैयारी में है। अमेरिकी संसद ने इन हथियारों को खरीदने के लिए 4 हजार करोड़ रुपए की मंजूरी दी है। अमेरिका का 2025 तक हजारों ड्रोन बनाने का लक्ष्य है। इन ड्रोन को जापानी, फिलीपींस, ताइवान और अमेरिकी नौसैनिक जहाज में शामिल किया जाएगा।

रूसी को ईरान से भी मिल रहे ड्रोन
रूस की सेना पिछले दो साल से यूक्रेन में ईरान के ड्रोन का इस्तेमाल कर रही हैं। ईरान ने रूस को 2022 में शाहिद-136 ड्रोन दिए थे। इनकी मदद से रूस ने जंग की शुरुआत में यूक्रेन के कई हिस्सों को अपने कब्जे में लिया था।

​​​​अमेरिकी सैनिकों पर भी इस ड्रोन से हो चुका है हमला

दुनियाभर के कई देशों ने कामीकाजे ड्रोन का प्रयोग करने की बात स्वीकार की है। वहीं कई देशों ने सीक्रेट हमलों में इसका इस्तेमाल किया है, लेकिन इसके होने की बात नहीं मानी है।
अमेरिकी सेना के मुताबिक, ईरानी समर्थित मिलिशिया ने 2022 में इराक में अमेरिकी ठिकानों पर 10 हमलों में ऐसे छोटे ड्रोन का इस्तेमाल किया था।
अजरबैजान ने पिछले कुछ वर्षों में आर्मेनिया सेना के खिलाफ तुर्की में बने ऐसे छोटे ड्रोन का इस्तेमाल किया था। इससे अजरबैजान को आर्मेनिया पर बढ़त बनाने में भी मदद मिली थी।
ईरान समर्थित हूती विद्रोहियों ने भी 2019 में सऊदी ऑयल फैसिलिटी को उड़ाने के लिए इन ड्रोन्स का इस्तेमाल किया था।
सबसे एडवांस है अमेरिकी कामीकाजे ड्रोन
रूस, चीन, इजराइल और तुर्की के पास कामीकाजे ड्रोन हैं, लेकिन अमेरिका का कामीकाजे ड्रोन इन सबमें सबसे एडवांस है। अमेरिकी कामीकाजे ड्रोन सबसे सस्ते हैं और इनके दो वेरिएंट हैं। स्विचब्लेड 300 सुसाइड ड्रोन और स्विचब्लेड 600 सुसाइड ड्रोन।

स्विचब्लेड 300 सुसाइड ड्रोन का वजन मात्र 2.26 किलोग्राम होता है। यह 15 मिनट तक हवा में रह सकता है। इसे सामान्य बैग में भी ले जाया जा सकता है।

वही स्विचब्लेड 600 का वजन 22 किलाग्राम तक होता है। यह 40 से 45 मिनट तक हवा में रह सकता है। ये लॉइटरिंग वेपंस की कैटेगरी में आता है। ये वो हथियार हैं, जो दुश्मन के इलाके में मंडराते रहते हैं और तभी हमला करते हैं जब कोई टारगेट नजर आता है। ये मिसाइल और ड्रोन का मिक्स है।

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