ग्वालियर की रीजनल कॉन्क्लेव बनेगी लघु उद्योगों के विकास का माध्यम

वर्ष 2025 होगा उद्योग वर्ष, बन रहा औद्योगिक विकास का माहौल

मध्यप्रदेश में वर्ष 2025 को उद्योग वर्ष के रूप में मनाया जायेगा। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के मार्गदर्शन में वर्ष 2024 में आवश्यक पृष्ठभूमि तैयार कर ली गई है। मध्यप्रदेश में उद्योगों के विकास के लिए बेहतर माहौल बन रहा है। वर्तमान वर्ष मार्च माह में उज्जैन और जुलाई माह में जबलपुर में रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव के साथ ही 25 जुलाई को कोयम्बटूर और बंगलौर में 7-8 अगस्त में हुई कॉन्क्लेव मध्यप्रदेश में उद्योगों के विकास के लिए महत्वपूर्ण मंच बनी हैं। ग्वालियर में 28 अगस्त को हो रही रीजनल कॉन्क्लेव लघु उद्योगों के विकास का सशक्त माध्यम बनेगी।

ग्वालियर में खाद्य प्र-संस्करण, टेक्सटाइल एवं गारमेंट उद्योग के साथ ही फुटवेयर एवं लैदर सेक्टर में निवेश प्राप्ति की संभावनाएं बढ़ी हैं। अनेक औद्योगिक संस्थान जैसे ब्रिटानिया, जैन कॉर्ड, अंकुर उद्योग ने निवेश में रूचि दिखाई है। इंजीनियरिंग क्षेत्र में शांति गेयर्स, सौर ऊर्जा के क्षेत्र में यूटीएल सोलर, फुटवेयर क्षेत्र में वॉनवेल्स, बॉम्बे लैदर और राम फैशन ने रूचि दिखाई है।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव के साथ उद्योगपतियों की ग्वालियर कॉन्क्लेव में वन-टू-वन बैठकें निवेश की दृष्टि से महत्वपूर्ण होंगी। फिलहाल 73 औद्योगिक इकाईयों को भूमि आवंटन किया गया है। यह इकाइयां 98 एकड़ क्षेत्रफल में 345 करोड़ रूपए के निवेश से लगभग तीन हजार लोगों को रोजगार उपलब्ध करवाएंगी। ग्वालियर कॉन्क्लेव में विभिन्न 27 औद्योगिक इकाइयों के लोकार्पण और भूमिपूजन भी सम्पन्न होंगे। इनसे 1420.39 करोड़ रूपए के निवेश प्रस्ताव क्रियान्वित होंगे और 3451 लोगों को रोजगार प्राप्त होगा।

सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग ने कॉन्क्लेव के दृष्टिगत एमएसएमई में अवसर एवं ओडीओपी सेक्टर पर निर्यात फोकस से संबंधित क्षेत्रीय-सत्र के आयोजन, कॉन्क्लेव के पहले मुख्यमंत्री डॉ. यादव द्वारा ग्वालियर और चंबल अंचल के उद्यमियों और उद्योग संघों के साथ चर्चा-सत्र सहित लगभग 300 एमएसएमई एवं स्टार्टअप को कॉन्क्लेव में आमंत्रित किया गया है। आवश्यक समन्वय कर एमएसएमई से जुड़ी नीतियों को प्रदर्शित करने स्टॉल लगाए जाएंगे। यही नहीं ग्वालियर के स्टोन टाइल्स और शिवपुरी के क्लॉथ जैकेट से संबंधित प्रतिनिधि भी उपस्थित रहेंगे। पड़ोसी राज्य उत्तरप्रदेश से निवेश आकर्षित करने के लिए आगरा के गारमेंट एसोसिएशन, फुटवेयर एसोसिएशन और होजियरी एसोसिएशन से भी सम्पर्क किया गया है। प्रदेश की एमएसएमई विभाग की टीम इसके लिए आगरा का दौरा भी कर रही है।

राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय परिसर ग्वालियर में होने वाली रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव में एमएसएमई के साथ ही पर्यटन, आई.टी., स्टार्टअप, हस्तशिल्प, कुटीर उद्योग, फुटवेयर, कौशल विकास एवं उच्च शिक्षा से संबंधित-सत्र होंगे। लगभग 250 बायर-सेलर मीटिंग के साथ ही ग्वालियर एक्स-पो “एक जिला एक उत्पाद” प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी।

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