हर पात्र उपभोक्ता तक समय पर खाद्यान पहुंचाना हमारा लक्ष्य
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की मंशानुरूप हर पात्र उपभोक्ता तक खाद्यान पहुंचाना हमारा लक्ष्य है। इस लक्ष्य की शत-प्रतिशत पूर्ति के लिये लगातार प्रयास किये जा रहे हैं। अधिकारियों को सख्त हिदायत दी गयी है कि इस कार्य में लापरवाही किसी भी स्तर पर बर्दाश्त नहीं की जायेगी। साथ ही निष्ठा के साथ कार्य करने वाले अधिकारी-कर्मचारियों को प्रोत्साहित भी किया जा रहा है। केन्द्र और राज्य सरकार का उद्देश्य है कि प्रदेश में कोई भी व्यक्ति भूखा नहीं सोये। इसलिये प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना में गरीबों को नि:शुल्क खाद्यान वितरित किया जा रहा है। इस योजना में अंत्योदय श्रेणी में लगभग 14 लाख परिवारों के 52 लाख सदस्यों एवं प्राथमिकता श्रेणी में लगभग एक करोड़ 15 लाख परिवारों के 4 करोड़ 93 लाख सदस्यों को लाभान्वित किया जा रहा है।
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के माध्यम से 27 हजार 627 दुकानों से 1 करोड़ 28 लाख परिवार के 5 करोड़ 46 लाख 42 हजार से अधिक सदस्यों को खाद्यान उपलब्ध कराया जा रह है। इसके माध्यम से हितग्राहियों को पोषण, खाद्य सुरक्षा तथा संबल प्राप्त हो रहा है। वन नेशन वन राशन कार्ड योजना ने हितग्राहियों की एक बड़ी समस्या का निराकरण किया है। पूर्व में रोजगार व अन्य कारणों से हितग्राही को राशन प्राप्त करने में असुविधा होती थी, किंतु वर्तमान में योजना का लाभ प्रदेश के 32,247 लोगों ने अन्य राज्यों में एवं प्रदेश के अंदर 12 लाख 73 हजार 221 तथा अन्य राज्यों के 3,153 लोगों ने प्रदेश में लाभ लिया है।
मध्यप्रदेश शासन द्वारा खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अंतर्गत सम्मिलित एक करोड़ 28 लाख 86 हजार पात्र परिवारों को लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत संचालित उचित मूल्य दुकानों के माध्यम से खाद्यानों का वितरण किया जा रहा है। इसमें अंत्योदय श्रेणी एवं प्राथमिकता श्रेणी के पात्र परिवारों को गेंहू, चावल का प्रतिमाह वितरण किया जाता है। पूर्व में प्रदेश को केन्द्र सरकार से गेहूं एवं चावल 40:60 के अनुपात में प्राप्त हो रहा था। वर्तमान में गेहूँ एवं चावल का आवंटन 60:40 अनुपात से प्राप्त हो रहा है। इसी अनुपात में वितरण कराया जा रहा है।
पात्र परिवारों को अपनी ग्राम पंचायत से ही राशन सामग्री प्राप्त करने के लिये प्रत्येक ग्राम पंचायत में उचित मूल्य दुकान खोलने का लक्ष्य है। विगत एक वर्ष में 281 नवीन उचित मूल्य दुकान ग्रामीण क्षेत्रों में खोली गई है।
पूरे देश में मध्यप्रदेश की सर्वाधिक कोल्ड भण्डारण क्षमता 4 करोड़ मे.टन से अधिक है। अनाज भण्डारण के क्षेत्र में मध्यप्रदेश आत्मनिर्भर होकर प्रथम स्थान पर है। कोविड काल में गेंहू खरीदी में वर्ष 2020-21 में 129.42 लाख मे.टन उपार्जन किया गया, जोकि देश में सर्वाधिक खरीदी का रिकार्ड एवं देश में प्रथम स्थान रहा। रबी विपणन वर्ष 2024-25 में समर्थन मूल्य पर गेहूँ उपार्जन के बाद किसानों को 125 रूपये प्रति क्विंटल की दर से राज्य सरकार द्वारा लगभग 604 करोड़ बोनस राशि का भुगतान किसानों को किया गया है।
पात्र परिवारों को वितरित राशन की जानकारी एसएमएस से दी जा रही है। मुख्यमंत्री राशन आपके ग्राम योजना के अंतर्गत 89 आदिवासी विकासखण्डों के ग्रामों में राशन वितरण की व्यवस्था है। मुख्यमंत्री युवा अन्नदूत योजना के अंतर्गत 894 बेरोजगार युवाको को ऋण के माध्यम से वाहन उपलब्ध कराकर राशन सामग्री का प्रदाय किया जा रहा है। योजना के माध्यम से जहां बेरोजगार युवकों को रोजगार मिल रहा है, वहीं राशन सामग्री परिवहन की ठेकेदारी व्यवस्था भी खत्म हो रही है। वर्तमान में 894 वाहनों से 27 हजार 627 दुकानों पर लगभग 3 लाख मीट्रिक टन राशन सामग्री का परिवहन किया जा रहा है। युवाओं को लगभग 16 करोड़ रूपये प्रति माह भुगतान भी किया जा रहा है।
उपभोक्ताओं को घर के पास ही राशन उपलब्ध कराने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री राशन आपके ग्राम योजना से 20 अनुसूचित जनजाति बहुल जिलों में 89 विकासखण्डों के 6575 शासकीय उचित मूल्य दुकान विहीन ग्रामों में 7 लाख 13 हजार परिवारों को वाहन द्वारा राशन का वितरण किया जा रहा है। इस कार्य में लगे वाहनों का संचालन अनुसूचित जनजाति के युवकों द्वारा ही किया जाता है। इससे पंचायत मुख्यालय तक की दूरी तय करने की आवश्यकता नहीं रही है और हितग्राहियों के धन और समय की बचत हुई है। नागरिक आपूर्ति निगम की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ करने के लिये निगम द्वारा बैंक ऑफ महाराष्ट्र के सॉफ्टवेयर के स्थान पर अपनी जरूरत के अनुसार एनआईसी से बनवाये गए सॉफ्टवेयर का उपयोग करने का निर्णय लिया गया है। इससे निगम को करोड़ो रूपये की बचत होगी।
कल्याणकारी योजना अंतर्गत अनुसूचित जाति/जनजाति के छात्र/छात्राओं को 1 रूपये किलो की दर से खाद्यान्न का प्रदाय करने के साथ ही प्रधानमंत्री उज्जवला योजना अंतर्गत 89 लाख से अधिक परिवारों को निःशुल्क घरेलू गैस कनेक्शन दिये गये हैं। राज्य शासन द्वारा 24 लाख से अधिक लाड़ली बहनों को 450 रूपये में रसोई गैस का सिलेंडर उपलब्ध कराया जा रहा है। योजनान्तर्गत जुलाई 2023 से नवम्बर 2024 तक लगभग 741 करोड़ रूपये का अनुदान लाड़ली बहनों के खाते में जमा कराया गया है। योजना का क्रियान्वयन सतत् रूप से किया जा रहा है।
दशहरा एवं दिवाली पर्व पर उपभोक्ताओं के हितों को ध्यान में रखते हुए मिठाई, नमकीन, बर्तन, पेन्ट एवं सराफा व्यापारियों के यहाँ नाप-तौल उपकरणों की जाँच के लिये 9 से 30 अक्टूबर तक विशेष अभियान चलाया गया। उपभोक्ताओं को सही कीमत और सही वजन की सामग्री मिलनी चाहिये। इसी उद्देश्य को पूरा करने के लिये विशेष अभियान चलाया गया।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के मार्गदर्शन में पूरे प्रदेश में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत नि:शुल्क फोर्टिफाइड चावल का वितरण किया जा रहा है। आँगनवाड़ी केन्द्रों और मध्यान्ह भोजन के लिये भी फोर्टिफाइड चावल का वितरण किया जा रहा है। प्रदेश में प्रतिमाह लगभग 1.75 लाख मीट्रिक टन फोर्टिफाइड चावल का वितरण किया जा रहा है। इससे लगभग 5 करोड़ 45 लाख हितग्राही लाभान्वित हो रहे हैं।
विभाग द्वारा पिछले 20 वर्ष में उल्लेखनीय कार्य किये गए हैं। लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली एवं समर्थन मूल्य पर खाद्यान उपार्जन का एण्ड-टू-एण्ड कम्प्यूटराईजेशन किया गया। वन नेशन वन राशनकार्ड के तहत पात्र परिवारों को देश एवं प्रदेश की किसी भी उचित मूल्य दुकान से राशन सामग्री बितरण की सुविधा उपलब्ध करायी गयी।
खरीफ विपणन वर्ष 2024-25 के लिए धान, ज्वार और बाजरा की खरीदी न्यूनतम समर्थन मूल्य पर करने के लिये उपार्जन नीति घोषित कर दी गयी है। ज्वार और बाजरा की खरीदी 20 दिसम्बर तक और धान की खरीदी 20 जनवरी 2025 तक की जायेगी। इसी प्रकार अच्छा कार्य एवं समय पर मिलिंग करने वाले मिलर्स को प्रोत्साहित करने के लिए खरीफ विपणन वर्ष 2024-25 की प्रस्तावित मिलिंग नीति के संबंध में विभाग के द्वारा एक बैठक कर उनके भी सुझाव प्राप्त किये गये ताकि आने वाले समय में मिलिंग एवं भण्डारण के लेकर मिलर्स को मिलिंग करने में आसानी हो सके। विभाग के इस प्रयास से किसानों की परेशानियां कम होगी तथा उन्हें उपार्जन में आसानी होगी।
खाद्य विभाग में अप्रैल 2023 से सितम्बर 2024 तक प्राप्त शिकायतों में से 97.24 प्रतिशत शिकायतों का निराकरण कर दिया गया है। सी.एम. हेल्प लाइन पोर्टल पर इस अवधि में 4 लाख 48 हजार 552 शिकायतें प्राप्त हुईं। इनमें से 4 लाख 36 हजार 202 शिकायतों का निराकरण किया जा चुका है। खाद्य विभाग ने 17 माह में से 14 माह में ‘ए’ ग्रेड प्राप्त किया है। इस तरह से खाद्य विभाग अपने दायित्वों का निर्वहन पूरी निष्ठा के साथ करते हुए शासन की जनहितैषी योजनाओं का लाभ पात्र हितग्राहियों तक पहुंचाने में तत्पर है।
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