सचिन तेंडुलकर के बाद दूसरे युवा बल्लेबाज बने पृथ्वी शॉ

डेब्यू रणजी मैच खेल रहे पृथ्वी शॉ ने अपने 99 से 100 तक के सफर के पांच मिनटों के दौरान पिता पंकज को गम के भवंडर से खुशी के आसमान तक पहुंचा दिया। तमिलनाडु के खिलाफ राजकोट में रणजी सेमीफाइनल में इस दौरान नोबॉल पर आउट होने के गम से लेकर पहले शतक की खुशी तक का माहौल देखने को मिला।
17 वर्षीय पृथ्वी राजकोट में बल्लेबाजी कर रहे थे, लेकिन मुंबई के सांताक्रूज ईस्ट स्थित उनके निवास पर माहौल बहुत तनावपूर्ण था। पृथ्वी के 90 रन पार करने के बाद तो पिता पंकज और दादी दुलारी के लिए सीट पर बैठ पाना मुश्किल था। दोपहर के 1.56 बजे थे, ये दोनों भगवान से प्रार्थन कर रहे थे तभी 99 के स्कोर पर पृथ्वी ने विजय शंकर की गेंद पर गली में बाबा अपराजित को कैच थमा दिया। उन्हें आउट करार दिया गया तो जैसे पिता पंकज का सपना चकनाचूर हो गया। दादी दुलारी बिना कुछ बोले कमरे के बाहर चली गई। इसके कुछ क्षणों बाद जैसे ही यह पता चला कि यह नोबॉल थी और पृथ्वी बच गया है तो मानो खुशियां लौट आई। एक पड़ौसी ने पिता पंकज से कहा, डर मत बेटा भगवान हमारे साथ हैं।
पृथ्वी के पिता और सभी की निगाहें टेलीविजन स्क्रीन पर टिक गई थी। ‍पंकज ने कहा, संभलकर खेल बेटा। इसके बाद पृथ्वी ने अगली दो गेंदें संभलकर खेली और तीसरी गेंद को पाइंट की तरफ कट किया, लेकिन कोई रन नहीं बनाया। इस पर पिता बोले, अरे इस पर रन हो सकता था। इसके बाद दोपहर 2.02 बजे जैसे ही पृथ्वी ने स्क्वेयर ड्राइव मारकर एक रन लिया, पिता पंकज की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। इसके बाद तो करीब डेढ घंटे तक लगातार पंकज शॉ के फोन पर बधाई संदेश आते रहे
पृथ्वी ने इतिहास रचा, वे सचिन तेंडुलकर (15 वर्ष 231 दिन) के बाद मुंबई की तरफ से प्रथम श्रेणी मैच में शतक लगाने वाले दूसरे युवा बल्लेबाज बन गए। पृथ्वी ने 17 वर्ष 57 दिन की आयु में यह कारनामा अंजाम दिया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *