लेड की मात्रा अधिक होने से पश्चिमी देशों में हल्दी निर्यातकों के खिलाफ चेतावनी जारी
पश्चिमी देशों में जहां हल्दी काफी लोकप्रिय होती जा रही है। वहीं, अमेरिकी खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) ने कुछ भारतीय हल्दी निर्यातकों के खिलाफ एक आयात चेतावनी जारी की है। पश्चिम में उपभोक्ताओं ने स्वास्थ को बेहतर बनाए रखने के लिए हल्दी के कैप्सूल और सप्लीमेंट लेना शुरू कर दिया है।
मगर, एफडीए ने घोषणा की है कि भारत के हल्दी उत्पादों को बिना किसी फिजिकल एग्जामिनेशन (भौतिक परीक्षण) के रोक दिया जाएगा। आरोप लगाया गया कि अमेरिका में निर्यात की जाने वाली भारतीय हल्दी में लेड की मात्रा ज्यादा है, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है।
जिन निर्यातकों पर प्रतिबंध लगाया गया है, उनमें कर्नाटक के इंडोवैदिक न्यूट्रीएंट्स प्राइवेट लिमिटेड और केरल के विसाकारेगा ट्रेडिंग प्राइवेट का नाम शामिल है। इससे पहले, स्पाइसेस यूएसए इंक ने भारत से भेजी गई हल्दी के कुछ बैग को बाजार से वापस मंगा लिया था क्योंकि उनमें कथिततौर पर लेड की मात्रा अधिक थी। स्पाइसेस यूएसए इंक ने उपभोक्ताओं को या तो हल्दी के पैकेट वापस करने या उन्हें नष्ट करने की सलाह दी थी।
यह माना जा रहा है कि समस्या भारत में संयंत्र में पैदा हुई, जहां उत्पाद को पैक किया गया था। अमेरिका में कुछ अन्य मसाला निर्माताओं भारत से खरीदे गए हल्दी के उत्पादों को स्वेच्छा से बाजार से वापस मंगा लिया। इन उत्पादों में लेड के खतरनाक स्तर पाया गया था।
लंबे समय तक लेड की अधिक मात्रा लेते रहने से वयस्क लोगों में विभिन्न नकारात्मक स्वास्थ्य परिणाम सामने आ सकते हैं। इनमें उच्च रक्तचाप, गुर्दे की क्षति और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं के बढ़ने का खतरा है।
लेड के संचय से बच्चों में मानसिक और शारीरिक विकास देरी से हो सकता है और उनके सीखने की क्षमता में कमी आती है।
गर्भवती महिलाओं, शिशुओं और छोटे बच्चों को खासतौप पर सीसा युक्त उत्पादों को लेने से बचाना चाहिए।
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