स्टाम्प के लिये अब नासिक और हैदराबाद पर निर्भरता खत्म
मध्यप्रदेश में ई-स्टाम्पिंग व्यवस्था शुरू हो जाने से स्टाम्प की कमी की समस्या से निजात मिल गयी है। अभी तक विभिन्न कार्य के लिये शासकीय प्रेस नासिक एवं हैदराबाद में छपे स्टाम्प का प्रयोग किया जाता था।
विलंब से स्टाम्प प्राप्त होने पर कभी-कभी स्टाम्प की कमी हो जाया करती थी। अब प्रदेश में सर्विस प्रोवाइडर्स द्वारा ई-स्टाम्प जनरेट किये जाने की व्यवस्था से ऐसा नहीं होगा। ऐसे दस्तावेज, जिनका पंजीयन नहीं करवाया जाना है, ई-स्टाम्प सर्विस प्रोवाइडर द्वारा प्रिंट कर जारी किये जा सकेंगे। प्रदेश में अब तक 4600 से अधिक सर्विस प्रोवाइडर्स को लायसेंस जारी किये जा चुके हैं। सर्विस प्रोवाइडर्स को ई-स्टाम्प के मूल्य पर डेढ़ प्रतिशत की दर से कमीशन तथा ई-स्टाम्प के प्रत्येक संव्यवहार के लिये 5 रुपये सेवा शुल्क मिलता है।
ई-स्टाम्पिंग कार्य के लिये सर्विस प्रोवाइडर्स के रूप में काम करने में बैंक विशेष रूप से रुचि ले रहे हैं। पंजीयन विभाग द्वारा अब तक इस कार्य के लिये बैंक ऑफ बड़ौदा, कैनरा बैंक, आईसीआईसीआई बैंक तथा पंजाब नेशनल बैंक के साथ एमओयू हस्ताक्षरित किया जा चुका है। अन्य बैंक भी विभाग के साथ एमओयू हस्ताक्षर करने के लिये विधिक कार्यवाहियाँ पूर्ण कर रहे हैं। बैंकों/पोस्ट ऑफिस की शाखाओं से ई-स्टाम्प जारी होने की सुविधा से जहाँ जन-सामान्य को ई-स्टाम्प प्राप्त करने में आसानी होगी, वहीं अब प्रदेश में स्टाम्प की कभी कमी भी नहीं होगी।
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