प्रायवेट स्कूलों में नि:शुल्क पढ़ने वाले बच्चों की फीस प्रतिपूर्ति के निर्देश
राज्य शासन ने सभी जिला कलेक्टर को गैर-अनुदान मान्यता प्राप्त प्रायवेट स्कूलों में नि:शुल्क पढ़ने वाले बच्चों की फीस प्रतिपूर्ति के संबंध में निर्देश जारी किये हैं। निर्देश में कहा गया है कि जिन स्कूलों द्वारा सत्र 2014-15 की फीस की प्रतिपूर्ति के लिये प्रपोजल अपलोड कर दिये गये हैं, उनकी हस्ताक्षरित प्रति प्राप्त कर ऑनलाइन प्रक्रिया से फीस प्रतिपूर्ति करवाना सुनिश्चित करें। यह भी सुनिश्चित करवा लें कि अपलोड किये गये प्रपोजल में कोई पात्र बच्चा छूटा न हो। साथ ही कोई अपात्र बच्चा रजिस्टर्ड न हो।
सत्र 2013-14 में जिन बच्चों की फीस प्रतिपूर्ति की गयी थी, उनका मिलान करवाने के निर्देश भी दिये गये हैं। इससे यह पता लग सकेगा कि बच्चा स्कूल में निरंतर अध्ययनरत है। यह भी सुनिश्चित करने को कहा गया है कि सभी पात्र अध्ययनरत बच्चों की जानकारी पोर्टल पर समग्र आई.डी. के जरिये स्कूल द्वारा दर्ज कर दी गयी हो।
शासन ने समस्त जिला कलेक्टर से पात्र स्कूलों की फीस प्रतिपूर्ति आगामी 25 अक्टूबर तक करवाने को कहा है। जिन स्कूलों द्वारा फीस प्रतिपूर्ति के प्रपोजल अब तक अपलोड नहीं किये गये हैं, उनको तत्काल अपलोड संबंधी कार्यवाही करने के निर्देश दिये गये हैं।
उल्लेखनीय है कि शिक्षा का अधिकार अधिनियम में मान्यता प्राप्त प्रायवेट स्कूलों में कक्षा एक अथवा प्री-स्कूल की प्रथम प्रवेशित कक्षा में न्यूनतम 25 प्रतिशत कमजोर वर्ग और वंचित समूह के बच्चों को नि:शुल्क प्रवेश देने की व्यवस्था है। गत सत्र 2014-15 के लिये फीस प्रतिपूर्ति शासन द्वारा निर्धारित प्रति विद्यार्थी व्यय राशि अधिकतम 3826 रुपये या स्कूल द्वारा ली जाने वाली वास्तविक शुल्क, जो भी कम हो, का भुगतान स्कूल के खाते में ऑनलाइन किया जाना है। गैर-अनुदान मान्यता प्राप्त प्रायवेट स्कूल के लिये कलेक्टर एवं मिशन संचालक के अनुमोदन के बाद एक शासकीय अधिकारी को नोडल अधिकारी नामांकित करने के निर्देश भी दिये गये हैं। नोडल अधिकारी द्वारा बच्चों का विवरण तथा फीस का परीक्षण किया जायेगा।
Leave a Reply