नशामुक्ति के लिये नयी केन्द्रीय नीति अगले वर्ष

नशा मुक्ति के लिये भारत सरकार द्वारा नई केन्द्रीय नीति बनाई जा रही है। नई नीति अगले वर्ष मार्च-अप्रैल में घोषित की जायेगी। केन्द्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री श्री थावरचंद गेहलोत ने नशीली दवाओं के दुरुपयोग की रोकथाम के संबंध में जनजागृति के लिये आज से इंदौर में शुरू हुई तीन दिवसीय क्षेत्रीय कार्यशाला के उद्घाटन समारोह में यह जानकारी दी। अध्यक्षता पंचायत एवं ग्रामीण विकास तथा सामाजिक न्याय मंत्री श्री गोपाल भार्गव ने की।

श्री थावरचंद गेहलोत ने कहा कि नशा अपराध एवं अभिशाप है। यह देश एवं समाज को बरबाद करता है। नशामुक्त समाज बनाने के लिये सरकार और समाज के समन्वित प्रयासों की जरूरत है। श्री गेहलोत ने कहा कि नशामुक्ति के संबंध में विचार-विमर्श तथा जन जागरूकता के लिये क्षेत्रीय कार्यशालाओं का सिलसिला शुरू किया गया है। इंदौर की कार्यशाला देश की दूसरी है। इस के पहले शिलांग में कार्यशाला हो चुकी है।

मंत्री श्री गोपाल भार्गव ने कहा कि नशा मुक्ति के लिये परिणाममूलक प्रयासों की आवश्यकता है। राज्य सरकार इस दिशा में अपनी ओर से कारगर प्रयास कर रही  है। उन्होंने सामाजिक सस्थाओं का आव्हान किया कि वे आगे आकर समाज को नशामुक्त करने में सहयोग करें। उन्होंने कहा कि वर्तमान में प्रदेश में 298 संस्थाएँ नशामुक्ति के क्षेत्र में कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में मदिरा दुकानों की नीलामी से जो आय होती है उसका कुछ हिस्सा नशामुक्ति के क्षेत्र में खर्च करने के प्रयास करना होंगे। उन्होंने कहा कि नशामुक्त समाज बना कर ही हम आदर्श समाज की कल्पना को साकार कर सकते हैं।

केन्द्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता सचिव श्रीमती अनिता अग्निहोत्री ने स्वागत भाषण दिया। कार्यशाला में मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान से 65 प्रतिभागी भाग ले रहे हैं। उदघाटन सत्र में 500 से अधिक स्वयंसेवी ने भाग लिया।

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