रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा या लखनऊ मेयर दिनेश शर्मा को बन सकते है यु पी सी एम्
यूपी में भाजपा की प्रचंड जीत के बाद मुख्यमंत्री चुने जाने की कवायद जारी है। बुधवार को राजनाथ सिंह का नाम तेजी से चला। चर्चा चल पड़ी कि संघ ने भी उनके नाम पर मुहर लगा दी है और जातीय समीकरण साधने के लिए भाजपा दो डिप्टी सीएम के साथ राजनाथ को यूपी की कमान सौंप सकती है।
बहरहाल, राजनाथ सिंह ने इन अटकलों को गैर जरूरी बताया था। उन्होंने कहा, ऐसी बातें निरर्थक हैं। मालूम हो, चुनाव प्रचार के दौरान भी राजनाथ सिंह से पूछा गया था कि क्या मीडिया की बात यूपी के अगले सीएम से हो रही है तो वे यह कहते हुए आगे बढ़ गए थे कि ‘राम-राम क्या बात कर रहे हैं..।’
इससे पहले चल रही चर्चाओं के अनुसार, यूपी के सीएम पद की रेस में चार-पांच नाम और भी हैं, लेकिन राजनाथ को सभी का समर्थन मिल सकता है। यहां तक कहा गया कि पार्टी अंदरखाने राजनाथ को सीएम और सुरेश खन्ना को स्पीकर बनाए जाने का मन बना चुकी है।
अपुष्ट सूचनाओं के मुताबिक, 17 मार्च को शपथग्रहण हो सकता है, जिसमें शामिल होने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भी कार्यक्रम बन चुका है। 16 मार्च को लखनऊ में विधायक दल की बैठक है।
कहा जा रहा है कि कोयंबटूर में चल रही संघ की बैठक में राजनाथ के नाम पर भी चर्चा हुई। इसके बाद राजनाथ सिंह का निजी स्टाफ लखनऊ में सीएम पर आवास पहुंचा। हालांकि अभी इसकी आधिकारिक जानकारी नहीं है।
बता दें, यूपी सीएम की दौड़ में जिन नेताओं के नाम चल रहे हैं, उनमें योगी आदित्यनाथ भी शामिलि हैं। वहीं पार्टी केशव प्रसाद मौर्य को भी जिम्मेदारी दे सकती है। मौर्य बुधवार को प्रधानमंत्री मोदी से मिलेंगे। इनकी छवि साफ-सुथरी है, ओबीसी हैं और संघ से पुराना नाता तो है ही।
इनके अलावा गृहमंत्री राजनाथ सिंह के करीबी व रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा या लखनऊ के मेयर दिनेश शर्मा में से किसी को सीएम बनाकर पार्टी चौंका भी सकती है।
युवा चेहरों में श्रीकांत शर्मा का नाम भी शामिल है, जो मथुरा से चुनाव जीते हैं। श्रीकांत को मोदी और शाह का करीबी बताया जाता है। शाह ने श्रीकांत के लिए रैलियां की हैं।
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