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सानिया मिर्जा को पूर्व जोड़ीदार मार्टिना हिंगिस से करना पड़ा हार का सामना

भारत की दिग्गज महिला टेनिस खिलाड़ी सानिया मिर्जा को बीएनपी परिबास इंडियन वेल्स हार्डकोर्ट टेनिस टूर्नामेंट के महिला युगल वर्ग क्वार्टर फाइनल मुकाबले में अपनी पूर्व जोड़ीदार मार्टिना हिंगिस से हार का सामना करना पड़ा।
इस हार के साथ ही सानिया-बारबरा का सफर इस टूर्नामेंट में समाप्त हो गया है और साथ ही इस प्रतियोगिता में भारतीय चुनौती भी समाप्त हो गई है।
टूर्नामेंट में मंगलवार देर रात खेले गए इस मैच में ताइवान की चान युंग जान और स्विट्जरलैंड की मार्टिना हिगिस की जोड़ी ने सानिया और उनकी जोड़ीदार चेक गणराज्य की बारबोरा स्ट्रायकोवा को सीधे सेटों में 6-4, 6-4 से मात दी।
सानिया-बारबरा की जोड़ी ने इटली की सारा इरानी और पोलैंड की एलिसिया रोसोल्सका की जोड़ी को 6-2, 6-3 से हराकर क्वार्टर फाइनल में प्रवेश किया था।

पिता पुत्र ने किया कमाल एक ही मैच में लगाई हाफ सेंचरी

वेस्टइंडीज टीम के पूर्व दिग्गज खिलाड़ी शिवनारायण चंद्रपॉल और उनके बेटे तेगनारायण चंद्रपॉल ने मिलकर क्रिकेट फिल्ड में कमाल कर दिया।
पिता-पुत्र की जोड़ी ने कैरीबियाई घरेलू क्रिकेट में गुयाना की ओर से खेलते हुए एक ही मैच में अर्धशतक ठोंक दिया।
इस तरह घरेलू क्रिकेट में एक ही मैच में हाफ सेंचुरी लगाने वाली यह पिता-पुत्र की पहली जोड़ी बन गई है। जमैका के खिलाफ खेलते हुए दोनों ने 38 रनों की साझेदारी भी की। इसकी बदौलत किंग्सटन के सबीना पार्क मैदान पर गुयाना को पहली पारी के आधार पर कुछ बढ़त भी मिल गई।
तेगबहादुर ने 135 गेंदों पर 58 रनों की पारी खेली वहीं शिवनारायण ने पांचवें नंबर पर बल्लेबाजी करते हुए 175 गेंदों पर 57 रन बनाए। दोनों बल्लेबाज हालांकि सेंचुरी पूरी नहीं कर सके।
अपने जमाने के खब्बू बल्लेबाज रहे चंद्रपॉल ने 164 टेस्ट मैचों में 11867 रन बनाए हैं। इस दौरान उनकी बल्लेबाजी औसत 51.37 रही है। उन्होंने टेस्ट क्रिकेट में 30 शतक और 66 अर्धशतक लगाए हैं। टेस्ट क्रिकेट में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाजों की लिस्ट में सातवें पायदान पर हैं
तेगनारायण ने 2013 में अपना फर्स्ट क्लास डेब्यू किया था। अपने पिता के साथ यह उनका पांचवां मैच है लेकिन पहली बार दोनों ने हाफ सेंचुरी लगाई है।
जब शिवनारायण चंद्रपॉल के अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में डेब्यू करने के दो साल बाद 1994 में तेगनारायण का जन्म हुआ। दोनों की उम्र में करीब 22 साल का फर्क है।
42 वर्षीय शिवनारायण ने पिछले साल की शुरुआत में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लिया था। तेगनारायण भी अपने पिता की ही तरह बाएं हाथ के बल्लेबाज हैं।

धोनी शायद नहीं देख पाएंगे स्टेडियम में भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच तीसरा टेस्ट मैच

टीम इंडिया के पूर्व कप्तान महेंद्रसिंह धोनी के गृहनगर रांची में भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच तीसरा टेस्ट मैच खेला जाएगा। लेकिन अपने घर में होने वाले इस मैच को धोनी स्टेडियम में शायद नहीं देख पाएंगे।
डेक्कन क्रॉनिकल की रिपोर्ट के अनुसार झारखंड क्रिकेट टीम के मैनेजर पीएन सिंह ने इस बात का खुलासा किया। भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच तीसरा टेस्ट रांची में 16 मार्च से खेला जाएगा। सिंह ने कहा, हमारी टीम को दिल्ली में 16 मार्च को विदर्भ के खिलाफ मैच खेलना है। हमारा विजय हजारे ट्रॉफी के सेमीफाइनल में पहुंचना लगभग तय है। यह सेमीफाइनल मुकाबला 17 मार्च को होना है। इसके चलते धोनी शायद ही रांची में उपस्थित हो पाएंगे।
धोनी अचानक गुरुवार को झारखंड क्रिकेट एसोसिएशन (जेएससीए) स्टेडियम पहंचे थे।
उन्होंने क्यूरेटर से मैच की पिच के बारे में जानकारी ली। झारखंड टीम ने अपने सदस्यों को दो दिन का ब्रेक दिया था, इसके चलते अधिकांश खिलाड़ी फ्लाइट से कोलकाता से रांची पहुंचे। अब उन्हें दिल्ली में एकत्रित होना है। धोनी पिछले दिनों रांची से कोलकाता ट्रेन से गए थे, लेकिन इस बार वे फ्लाइट से दिल्ली पहुंचेंगे।

पीवी सिंधू और साइना नेहवाल का ऑल इंग्लैंड ओपन बैडमिंटन चैंपियनशिप सफर थम गया

भारतीय शटलर पीवी सिंधू और साइना नेहवाल का ऑल इंग्लैंड ओपन बैडमिंटन चैंपियनशिप में सफर शुक्रवार को थम गया। दोनों की हार के साथ ही भारत का टूर्नामेंट के मुख्य ड्रॉ में अभियान खत्म हो गया।
दुनिया की छठे नंबर की सिंधु को क्वार्टर फाइनल में शीर्ष वरीय चीनी ताइपे की ताई यू यिंग के हाथों 14-21, 10-21 से शिकस्त मिली। यिंग ने मात्र 34 मिनट में सिंधु को मात देते हुए लगातार तीसरी बार इस टूर्नामेंट के सेमीफाइनल में जगह बनाई। हालांकि साइना ने जरूर हार से पहले संघर्ष दिखाया। उन्हें विश्व की नंबर तीन खिलाड़ी द. कोरिया की सुंग जी ह्यून से 20-22, 20-22 से हार मिली। यह मैच 53 मिनटों तक चला। सेमीफाइनल में यिंग और ह्यून आमने-सामने होंगी।
हैदराबादी खिलाड़ी सिंधु ने दमदार शुरुआत करते हुए पहले गेम में 10-7 की बढ़त बना ली थी, लेकिन इसके बाद यिंग ने अपनी क्लास दिखाते न सिर्फ स्कोर बराबर किया, बल्कि बढ़त बनाने के साथ इसे जीत भी लिया। दूसरे गेम में यिंग ने पहले 6-2 और जल्द ही इसे 8-3 और फिर 11-5 कर दिया। ताइपे की खिलाड़ी ने अपना दबदबा कायम रखते हुए दूसरा गेम जीतकर अंतिम चार का टिकट कटा लिया।

ऑल इंग्लैंड ओपन बैडमिंटन चैंपियनशिप में क्वार्टर फाइनल में प्रवेश कर लिया पीवी सिंधु और साइना नेहवाल ने

रियो ओलिंपिक की रजत पदक विजेता भारत की अग्रणी बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधु और विश्व की नौंवी वरीयता प्राप्त साइना नेहवाल ने गुरुवार को ऑल इंग्लैंड ओपन बैडमिंटन चैंपियनशिप में अपना विजयी अभियान जारी रखते हुए क्वार्टर फाइनल में प्रवेश कर लिया।
सिंधु ने गुरुवार को खेले गए दूसरे दौर में इंडोनेशिया की दिनार दियाह को मात दी थी, वहीं साइना ने जर्मनी की फेबियेने देपरेज को मात दी। बर्कले कार्ड एरिना के कोर्ट नंबर एक में हुए महिला सिंगल्स वर्ग के दूसरे दौर के एक मुकाबले में विश्व की छठी वरीयता प्राप्त सिंधु ने अपनी प्रतिद्वंद्वी दिनार को मात्र 30 मिनट में सीधे तौर पर 21-12, 21-4 से हराकर अंतिम आठ दौर में प्रवेश कर लिया।
एक अन्य मुकाबले में लंदन ओलिंपिक की कांस्य पदक विजेता साइना ने देपरेज को 21-18, 21-10 से मात दी।
पुरुष सिंगल्स वर्ग के दूसरे दौर के मैच में भारत का प्रतिनिधित्व कर रहे खिलाड़ी एचएस प्रणय को हार का सामना करना पड़ा। उन्हें सातवीं वरीय चीन के तियान होवेई ने 21-13, 21-5 से मात देकर क्वार्टर फाइनल में प्रवेश किया।

वाराणसी पहुंचे ऑस्ट्रेलिया के पूर्व क्रिकेट कप्तान स्टीव वॉ

ऑस्ट्रेलिया के पूर्व क्रिकेट कप्तान स्टीव वॉ मंगलवार को अपने व्यापारिक साझेदार जॉनसन के साथ वाराणसी पहुंचे।
लाल बहादुर शास्त्री अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से सीधे वे लोग दोपहर लगभग एक बजे मणिकार्णिका घाट पहुंचे। वहां से नौका से गंगा के बीच धारा में पहुंचे और अपने दोस्त स्टीफन की अस्थियों को गंगा में विसर्जित कर दिया।
हिंदू धर्म से विशेष लगाव रखने वाले ऑस्ट्रेलिया निवासी स्टीफन इस्कॉन से काफी समय से जुड़े थे। वे और स्टीव काफी अच्छे मित्र थे।
स्टीफन ने कई बार स्टीव से चर्चा की थी कि उनकी मृत्यु के बाद उनकी अस्थियां बनारस में अवश्य विसर्जित की जाएं। अपने दोस्त की बातों का सम्मान करते हुए वॉ उसी सिलसिले में वाराणसी आए थे।
वे और उनके मित्र बनारस में लगभग चार घंटे तक रहे। इस दौरान उन्होंने कई घाटों की फोटो खींची, साथ ही काफी समय मणिकर्णिका घाट पर भी बिताया।
इस दौरान कुछ लोगों ने उनको पहचान कर उनसे बातचीत करने की कोशिश की लेकिन उन्होंने किसी से बातचीत नहीं की।
उनके दोस्त ने कहा कि वे लोग अपने दोस्त की अंतिम इच्छा पूरी करने आए हैं और वह इस समय किसी से बातचीत नहीं करेंगे।
उन लोगों की इच्छा थी कि बुधवार को वह बनारस में अन्य स्थानों को देखें लेकिन चुनाव के कारण सब बंद रहेगा। इस वजह से वे लोग मंगलवार को ही दिल्ली रवाना हो गए।

दृष्टिबाधित टीम की सफलता पर 3 लाख रुपए की पुरस्कार राशि बांटइंसानियत की मिसाल पेश की

भारतीय दृष्टिबाधित क्रिकेट टीम ने पिछले महीने पाकिस्तान को हराकर विश्व कप टी-20 विश्व कप जीता था। दुख इस बात का है कि सरकार ने दृष्टिबाधित टीम की इतनी बड़ी सफलता को कोई तवज्जो नहीं दी गई।
विश्व कप जीतने पर कुल 3 लाख रुपए की पुरस्कार राशि मिली थी। इस पैसे को 17 खिलाड़ियों और दो प्रशिक्षकों के बीच बांटा जाना था। मगर ऐसा अभी तक नहीं हुआ।
कॉमेडी किंग कपिल शर्मा और क्रिकेटर शांताकुमारन श्रीसंथ ने इंसानियत की मिसाल पेश कर इन खिलाड़ियों को खास तोहफा दिया। अभी मैच फिक्सिंग के आरोप में टीम इंडिया से बाहर चल रहे श्रीसंथ की दरियादिली दिखाते हुए श्रीसंथ अब विश्व कप विजेता टीम के लिए दुबई में एक इवेंट में हिस्सा लिया।
इस इवेंट से जो राशि मिलेगी वो राशि मिलेगी। वह राशि दृष्टिबाधित खिलाड़ियों में बांटेंगे। हालांकि इवेंट की राशि का श्रीसंथ ने खुलासा नहीं किया। कपिल देंगे
एक-एक लाख रुपए : देश के सबसे ज्यादा प्रसिध्द कॉमेडी शो “द कपिल शर्मा शो” में भी इन खिलाड़ियों को आमंत्रित किया गया था। कपिल के मुख्य हास्य कलाकार कपिल ने इन खिलाड़ियों के साथ एक एपिसोड भी शूट किया, जिसे सोनी चैनल पर ऑनएयर किया गया। कपिल ने प्रत्येक खिलाड़ी को एक-एक लाख रुपए का पुरस्कार दिया।

भारतीय टीम ने जीत दिलाई बेलारूस पर

लालरेमसियामी ने मैच के अंतिम मिनट में पेनल्टी कॉर्नर को गोल में बदलकर भारत को बेलारूस पर 2-1 से रोमांचक जीत दिलाई।
इस जीत के साथ भारत ने 5 मैचों की गैरआधिकारिक टेस्ट सीरीज में 2-0 की बढ़त बना ली है।गौरागांव स्थित साई केंद्र के नीले सिंथेटिक टर्फ पर जोरदार हॉकी देखने को मिली।
नई टीम के साथ उतरी भारतीय टीम को बेलारूस की टीम ने जोरदार टक्कर दी। पहला गोल 9वें मिनट में कप्तानी रानी ने पेनल्टी कार्नर पर दागा।
पहले क्वार्टर तक भारत 1-0 से आगे रहा। दूसरे क्वार्टर में कोई गोल नहीं हुआ। मध्यांतर में भारत ने अपनी बढ़त को बरकरार रखा।
36वें मिनट में बेलारूस की स्वेतलाना ने मैदानी गोल किया और स्कोर 1-1 से बराबरी पर आ गया। तीसरे क्वार्टर में पूरी तरह पलड़ा बेलारूस के खिलाड़ियों का ही भारी था।
अंतिम मिनट में भारत को पेनल्टी कार्नर मिला। जिसे 20 नंबर जर्सी वाली लालरेमसियामी ने बड़ी खूबसूरती से गोल में तब्दील कर भारत को जीत दिलाई।

भारतीय महिला टीम ने हॉकी में बेलारूस को हराया

भारतीय महिला टीम ने गुरुवार को पहले हॉकी टेस्ट में बेलारूस को एकतरफा मुकाबले में 5-1 से हरा दिया। पिछले साल महिला एशियन चैंपियंस ट्रॉफी का खिताब जीतने के बाद भारतीय टीम यह पहला मैच खेल रही थी।
भारत की नवजोत कौर ने 11वें मिनट में पेनाल्टी कॉर्नर को गोल में तब्दील कर टीम को 1-0 की बढ़त दिलाई। इसके चार मिनट बाद ही कौर ने शानदार फील्ड गोल कर बढ़त 2-0 कर दी।
बेलारूस दूसरे क्वार्टर में ज्यादातर रक्षात्मक खेलती रही, लेकिन पूनम बारला ने 29वें मिनट में फील्ड गोल कर मेजबान टीम को 3-0 से आगे कर दिया। स्वेतलाना ने तीसरे क्वार्टर की समाप्ति से पहले 37वें मिनट में गोल कर मेहमान टीम की मैच में वापसी कराई।
तीसरे क्वार्टर तक भारत 3-1 से आगे रहा। चौथे क्वार्टर में भारतीय टीम ने दो गोल और कर दिए। भारत को मिले दो पेनाल्टी कॉर्नर को कप्तान दीप ग्रेस इक्का (57वां मिनट) और गुरजीत कौर (60वां मिनट) ने गोल में बदलकर टीम को 5-1 से जीत दिलाई।

शुअर्ड मरेन को भारतीय महिला हॉकी टीम का मुख्य कोच नियुक्त किया

हॉकी इंडिया ने मंगलवार को शुअर्ड मरेन को भारतीय महिला हॉकी टीम का मुख्य कोच नियुक्त किया है। इसके अलावा एरिक वोनइंक को महिला हॉकी टीम का विश्लेषण कोच बनाया गया है।
नीदरलैंड्स की राष्ट्रीय महिला हॉकी टीम के पूर्व कोच मरेन और वोनइंक का भारतीय टीम के साथ कार्यकाल चार साल तक रहेगा। यह कोचिंग जोड़ी पहले भारतीय टीम का कार्यक्रम देखेगी।
शुअर्ड पूर्व कोच नील हॉगुड का स्थान लेंगे जिनके मार्गदर्शन में टीम ने 36 साल बाद ओलंपिक के लिए क्वालीफाई किया था, लेकिन वो खेलों के महाकुंभ में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाई थी। वे दोनों भोपाल में भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) में चल रहे राष्ट्रीय शिविर में टीम के साथ जुड़ेंगे।
मरेन ने कहा, “मैं इस जिम्मेदारी को पाने के बाद से बहुत खुश हूं। मैं भारतीय महिला हॉकी टीम को देखता आ रहा हूं। वो बहुत ही मेहनती और प्रतिभाशाली टीम है। मुझे भरोसा है कि वो विश्व में खुद को मजबूत टीम के रूप में स्थापित करने का माद्दा रखती है।”
मरेन की कोचिंग में ही नीदरलैंड्स की अंडर-21 महिला टीम ने विश्व कप खिताब जीता था, जबकि राष्ट्रीय टीम ने 2015 हॉकी विश्व लीग सेमीफाइनल्स में स्वर्ण पदक अपने नाम किया था। शुअर्ड 2011-2014 तक नीदरलैंड्स की अंडर-21 पुरुष टीम के कोच भी रह चुके हैं।