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देश के बैंकों में मौजूद 1 करोड़ से ज्यादा खातों का डाटा लीक
ऑनलाइन और मोबाइल के माध्यम से लोगों के साथ धोखाधड़ी के मामले में दिल्ली पुलिस ने एक चौकाने वाला खुलासा किया है। पुलिस के अनुसार देश के बैंकों में मौजूद 1 करोड़ से ज्यादा खातों का डाटा लीक हो चुका है और इसे लीक करने वाले यह डाटा महज 20-25 पैसे में बेच रहे थे। पुलिस का कहना है कि गैंग ने बैंक अकाउंट के अलावा, क्रेडिट, डेबिट कार्ड की जानकारी के अलावा फेसबुक और व्हाट्सऐप अकाउंट्स की जानकारी भी लीक की है।
जानकारी के अनुसार दिल्ली पुलिस को इस गैंग का पता तब लगा जब को ग्रैटर कैलाश की रहने वाली एक 80 साल की महिला के क्रेडिट कार्ड से 1.46 लाख रुपए निकाले जाने की जांच कर रही थी। जांच के दौरान पुलिस को पता लगा कि यह गैंग कॉल सेंटर और बैंक में काम करने वालों की मदद से यह जानकारी चुराती थी और फिर उसे कौड़ियो के भाव बेच दिया जाता था।
इसकी पुष्टि करते हुए दक्षिण पूर्व दिल्ली के डीसीपी आर बानिया ने मीडिया को बाताया कि गैंग 1 करोड़ खातों की जानकारी के अलावा अन्य महत्वपूर्ण डिटेल्स जैसे क्रेडिट, डेबिट कार्ड की जानकारी बेच रहा था। यह गैंग बैंक के लोगों के साथ मिलकर काम कर रहा था। मामले में गिरफ्तार एक आरोपी ने बाताया कि वो एक साथ डाटा बेचता था और उसने यह सब मुंबई के एक व्यक्ति से खरीदा था।
इस गैंग के सदस्य लोगों को फोन करते और उन्हें अपना सीवीवी नंबर और वन टाइम पासवर्ड शेयर करने के लिए कहते थे। इसकी मदद से वो बैंक से पैसे निकालने में सफल हो जाते थे।
होली के बाद बाजार खुलते ही जबरदस्त उछाल
यूपी और उत्तराखंड में भाजपा की जीत का असर शेयर बाजार में भी नजर आया है। होली के बाद सप्ताह के पहले कारोबारी दिन बाजार खुलते ही जबरदस्त उछाल नजर आया। जहां सेंसेक्स में 540 अंकों का उछला दिखा वहीं निफ्टी भी 180 अंकों की मजबूती के साथ खुला।
इसके अलावा रुपए में भी 42 पैसे की मजबूती नजर आई। शुरुआती सत्र में सेंसेक्स 488.68 अंकों की बढ़त के साथ 29,440.61 पर कारोबार कर रहा है, वहीं निफ्टी 140 अंको की बढ़त के साथ 9073.6 पर है। रुपए ने भी डॉलर के मुकाबले 42 पैसे की मजबूती दिखाई है।
बाजार विशेषज्ञ अरूण केजरीवाल के मुताबिक विधानसभा चुनाव में बीजेपी के शानदार प्रदर्शन के बाद केंद्र सरकार के रिफॉर्ड एजेंडे को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही जीएसटी जैसे अहम कानूनों को लागू करने में आसानी होगी। इसी के चलते भारतीय शेयर बाजार में बढ़त देखने को मिल रही है, जो आगे भी जारी रह सकती है।
वी एम फाइनेंनशियल के फंड मैनेजर विवेक मित्तल का मानना है बाजार में आई तेजी छोटी अवधि के लिहाज से निवेशित निवेशकों के लिए मुनाफा वसूल करने का अच्छा मौका है। विवेक के मुताबिक आज से शुरू होने वाली दो दिवसीय फेडरल रिजर्व की बैठक के आउटकम आने के बाद ग्लोबल मार्केट में बिकवाली देखने को मिल सकती है, जिसका असर भारतीय शेयर बाजार पर भी होगा। विवेक के मुताबिक अगर भारतीय शेयर बाजार दवाब देखने को मिलता है तो यह मजबूत फंडामेंटल वाले शेयरों में खरीदारी का मौका होगा।
सेक्टोरियल इंडेक्स की बात करें तो सभी सूचकांक हरे निशान में कोराबर कर रहे हैं। सबसे ज्यादा तेजी रियल्टी (2.47 फीसद) सेक्टर में देखने को मिल रही है। बैंक (2.23 फीसद), ऑटो (1.95 फीसद), फाइनेंशियल सर्विस (2.36 फीसद), एफएमसीजी (1.01 फीसद), आईटी (0.93 फीसद), मेटल (0.97 फीसद), फार्मा (1.29 फीसद), पीएसयू बैंक (2.41 फीसद) और प्राइवेट बैंक (2.31 फीसद) में बढ़त देखने को मिल रही है।
दिग्गज शेयर्स की बात करें तो निफ्टी में शुमार शेयर्स में से 48 हरे निशान, 2 गिरावट और एक बिना परिवर्तन के कारोबार कर रहे हैं। सबसे ज्यादा तेजी आईसीआईसीआई बैंक, एलएंडटी, एचडीएफसी बैंक, ग्रासिम और येस बैंक के शेयर्स में देखने को मिल रही है। वहीं, गिरावट बॉश लिमिटेड और बजाज ऑटो के शेयर्स में देखने को मिल रही है।
मंगलवार के कोराबारी सत्र में डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपये ने 11 माह का उच्चतम स्तर छुआ। डॉलर के मुकाबले रुपया 40 पैसे की बढ़त के साथ 66.20 के स्तर पर खुला है।
लेड की मात्रा अधिक होने से पश्चिमी देशों में हल्दी निर्यातकों के खिलाफ चेतावनी जारी
पश्चिमी देशों में जहां हल्दी काफी लोकप्रिय होती जा रही है। वहीं, अमेरिकी खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) ने कुछ भारतीय हल्दी निर्यातकों के खिलाफ एक आयात चेतावनी जारी की है। पश्चिम में उपभोक्ताओं ने स्वास्थ को बेहतर बनाए रखने के लिए हल्दी के कैप्सूल और सप्लीमेंट लेना शुरू कर दिया है।
मगर, एफडीए ने घोषणा की है कि भारत के हल्दी उत्पादों को बिना किसी फिजिकल एग्जामिनेशन (भौतिक परीक्षण) के रोक दिया जाएगा। आरोप लगाया गया कि अमेरिका में निर्यात की जाने वाली भारतीय हल्दी में लेड की मात्रा ज्यादा है, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है।
जिन निर्यातकों पर प्रतिबंध लगाया गया है, उनमें कर्नाटक के इंडोवैदिक न्यूट्रीएंट्स प्राइवेट लिमिटेड और केरल के विसाकारेगा ट्रेडिंग प्राइवेट का नाम शामिल है। इससे पहले, स्पाइसेस यूएसए इंक ने भारत से भेजी गई हल्दी के कुछ बैग को बाजार से वापस मंगा लिया था क्योंकि उनमें कथिततौर पर लेड की मात्रा अधिक थी। स्पाइसेस यूएसए इंक ने उपभोक्ताओं को या तो हल्दी के पैकेट वापस करने या उन्हें नष्ट करने की सलाह दी थी।
यह माना जा रहा है कि समस्या भारत में संयंत्र में पैदा हुई, जहां उत्पाद को पैक किया गया था। अमेरिका में कुछ अन्य मसाला निर्माताओं भारत से खरीदे गए हल्दी के उत्पादों को स्वेच्छा से बाजार से वापस मंगा लिया। इन उत्पादों में लेड के खतरनाक स्तर पाया गया था।
लंबे समय तक लेड की अधिक मात्रा लेते रहने से वयस्क लोगों में विभिन्न नकारात्मक स्वास्थ्य परिणाम सामने आ सकते हैं। इनमें उच्च रक्तचाप, गुर्दे की क्षति और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं के बढ़ने का खतरा है।
लेड के संचय से बच्चों में मानसिक और शारीरिक विकास देरी से हो सकता है और उनके सीखने की क्षमता में कमी आती है।
गर्भवती महिलाओं, शिशुओं और छोटे बच्चों को खासतौप पर सीसा युक्त उत्पादों को लेने से बचाना चाहिए।
शेयर बाजार की शुरूआत सपाट
एशियाई बाजारों से मिलेजुले संकेतों के बीच कारोबारी सप्ताह के पहले दिन भारतीय शेयर बाजार की शुरूआत सपाट हुई। करीब 9:30 बजे प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स 35 अंकों की गिरावट के साथ 28434 के स्तर पर और निफ्टी महज 5 अंक कमजोर होकर 8816 के स्तर कारोबार कर रहा है। सुस्त कारोबार के बीच छोटे और मझौले शेयरों में कुछ खरीदारी देखने को मिल रही है। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज पर मिडकैप इंडेक्स 0.10 फीसद और स्मॉलकैप इंडेक्स चौथाई फीसद की बढ़त के साथ कारोबार कर रहे हैं।
सेक्टोरिल इंडेक्स की बात करें तो नेशनल स्टॉक एक्सचेंज पर आईटी इंडेक्स में 0.57 फीसद और रियल्टी इंडेक्स में 0.34 फीसद की बढ़त देखने को मिल रही है। बाकी सभी सूचकांक गिरावट के साथ कारोबार कर रहे हैं। सबसे जज्यादा गिरावट मेटल (0.50 फीसद), फार्मा (0.39 फीसद) और सराकरी बैंकिंग (0.30 फीसद) इंडेक्स में देखने को मिल रही है।
दिग्गज शेयरों की बात करें तो निफ्टी में शुमार शेयरों में 23 बढ़त के साथ और 28 गिरावट के साथ कारोबार कर रहे हैं। सबसे ज्यादा तेजी आईडिया, भारतीय एयरटेल, हिंदुस्तान लीवर, जी एंटरटेनमेंट और गेल के शेयरों में देखने को मिल रही है। वहीं सिप्ला, बॉश, हिंडाल्को, यस बैंक और एचडीएफसी बैंक टॉप लूजर हैं।
एक्सपर्ट का मानना है कि एक्सपायरी वाले हफ्ते में कुछ शेयरों में शॉर्ट कवरिंग के चलते तेजी देखने को मिल सकती है। वहीं निफ्टी के लिहाज से 8800-8750 का स्तर अहम सपोर्ट होगा। ऊपर की तरफ यह स्तर 8880-8950 का होगा।
भारत में बनाएगी एंड्रायड फोन
एक समय का चहेता स्मार्टफोन ब्रांड ब्लैकबेरी ग्लोबल बाजार से लगभग गायब हो गया है। इस कनाडाई कंपनी के अपने ऑपरेटिंग सिस्टम (ओएस) वाले हैंडसेट की बाजार हिस्सेदारी तकरीबन शून्य फीसद पर आ गई है।
रिसर्च फर्म गार्टनर की ताजा रिपोर्ट में यह तथ्य सामने आया है। वहीं, एंड्रायड ओएस वाले स्मार्टफोन का ग्लोबल बाजार में हिस्सा लगभग 82 फीसदी के स्तर पर पहुंच गया है। दिसंबर में समाप्त पिछली तिमाही में स्मार्टफोन बिक्री के मामले में सैमसंग को पछाड़कर नंबर वन बनने वाली ऐपल के ऑपरेटिंग सिस्टम आईओएस की हिस्सेदारी 17.9 फीसद हो गई है।
इस रिपोर्ट के मुताबिक 2016 की चौथी तिमाही में दुनिया भर में 4,320 लाख स्मार्टफोन की बिक्री हुई। इनमें से सिर्फ दो लाख सात हजार ही स्मार्टफोन ऐसे थे, जो ब्लैकबेरी के ऑपरेटिंग सिस्टम पर आधारित थे। यह आंकड़ा कुल स्मार्टफोन बाजार का 0.0481 फीसद ही बैठता है यानी बाजार से ब्लैकबेरी का सफाया हो चुका है।
माइक्रोसॉफ्ट के विंडोज फोन की हालत भी खराब है। इस समीक्षाधीन तिमाही में में 3,527 लाख एंड्रायड ओएस वाले स्मार्टफोन बेचे गए। फिलहाल इनकी बाजार हिस्सेदारी 81.7 फीसदी है। दूसरे नंबर पर ऐपल का आईओएस है। कंपनी ने इस पर आधारित दौरान 770 लाख स्मार्टफोन बेचे हैं। कुल मार्केट शेयर के लिहाज से इसकी हिस्सेदारी 17.9 फीसद बैठती है।
बुरी तरह फ्लॉप होने के बाद ब्लैकबेरी ने एंड्रायड स्मार्टफोन के साथ वापसी भी की। लेकिन गूगल का एंड्रायड ऑपरेटिंग सिस्टम भी कंपनी को नहीं बचाया। बाजार में ब्लैकेबरी के तीन एंड्रायड स्मार्टफोन मॉडल हैं, जो इन आंकड़ो में शामिल नहीं हैं। लेकिन बाजार में इनकी कम मांग को देखते हुए यही लगता है कि ब्लैकबेरी का फिलहाल तो पत्ता साफ दिखता है।
ब्लैकबेरी अपने एंड्रायड आधारित मोबाइल फोन भारत में भी बनाएगी। ये फोन भारत के अलावा श्रीलंका, बांग्लादेश और नेपाल में बेचे जाएंगे। इसके लिए कनाडाई कंपनी ने एंड्रायड वाले हैंडसेट की मैन्यूफैक्चरिंग के लिए भारतीय फर्म ऑप्टिमस इंफ्राकॉम के साथ लाइसेंसिंग करार किया है।
अमीर और गरीब के बीच की खाई अब हो गई और अधिक
ऑक्सफेम ने सोमवार को एक विश्लेषण जारी किया है, जिसमें चौंकाने वाली बात सामने आई है। सुपर अमीर लोगों और दुनिया की आधी आबादी के बीच पैसों की खाई पहले की तुलना में बढ़ती जा रही है।
बिल गेट्स से माइकल ब्लूमबर्ग तक दुनिया के आठ लोगों के पास इतनी दौलत है, जितनी 3.6 अरब लोगों के पास है। दावोस के स्विस स्की रिसोर्ट में ग्लोबल पॉलिटिकल एंड बिजनेस एलीट्स की सालाना बैठक में ऑक्सफेम ने यह जानकारी दी।
अपनी रिपोर्ट पेश करते हुए गरीबी उन्मूलन संगठन ऑक्सफेम ने कहा कि बहुत अमीर और गरीब के बीच की खाई सिर्फ एक साल पहले की तुलना में अब और अधिक हो गई है। संगठन ने नेताओं से आग्रह किया कि वे लोग इस समस्या पर सिर्फ बातें नहीं करें, बल्कि इसे दूर करने की कोशिश भी करें।
संगठन ने चेतावनी दी कि यदि ऐसा नहीं किया गया, तो इस तरह की असमानता के खिलाफ जनता का गुस्सा और आगे बढ़ेगा। इससे राजनीति को हिला कर रख देने वाले नतीजे सामने आएंगे, जैसे अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप की जीत और पिछले साल और यूरोपीय संघ छोड़ने के लिए ब्रिटेन का वोट देना।
यह कितना अजीब है कि इतनी अधिक मात्रा में धन कितने सीमित लोगों के पास है। जबकि हर 10 में से एक व्यक्ति रोजाना 2 डॉलर से भी कम में जी रहा है। सबसे ज्यादा धनी लोगों में स्पेन के फैशन हाउस इंडिटेक्स के संस्थापक एमैनसिओ ओर्टेगा, फाइनेंसर वारेन बफेट, मैक्सिकन बिजनेस मैग्नेट कार्लोस स्लिम हेलु, अमेजन के मालिक जेफ बेजोस, मार्क जकरबर्ग, ओरेकल के लैरी एलिसन और न्यूयॉर्क के पूर्व महापौर ब्लूमबर्ग हैं।
विचार कर रही है सरकार नोट निकासी पर लगी मौजूदा सीमा हटाने के बारे में
नए नोटों की आपूर्ति में काफी सुधार होने के बाद सरकार नोट निकासी पर लगी मौजूदा सीमा हटाने के बारे में विचार कर रही है। पहले चरण में बैंक शाखाओं से चेक या फार्म के जरिये नकदी निकालने की स्थिति सामान्य करने पर विचार किया जा रहा है। इस बात पर मंथन चल रहा है कि आम बजट के आस-पास इसे लागू कर दिया जाए। इसके एक पखवाड़े बाद एटीएम से कैश निकालने की सुविधा 08 नवंबर, 2016 से पहले वाली स्थिति में बहाल की जाएगी।
वित्तीय मामले के विभाग (वित्त मंत्रालय) के एक अधिकारी ने बताया कि नोट आपूर्ति की स्थिति देश के अधिकतर हिस्सों में सामान्य हो चुकी है या सामान्य होने के करीब है। पिछले शुक्रवार तक दस लाख करोड़ रुपए के नए नोट सिस्टम में डाले जा चुके हैं। तकरीबन एक लाख करोड़ रुपए के नोट देश के विभिन्न करेंसी चेस्टों में हैं। बिहार, ओडिशा, पश्चिम बंगाल और सभी दक्षिणी राज्यों, पूर्वोत्तर के राज्यों में न तो बैंक शाखाओं में कोई भीड़ है और न ही एटीएम पर।
दिल्ली और एनसीआर में नोटबंदी के बाद नए नोटों के लिए सबसे ज्यादा भीड़ देखी गई थी। यहां पर भी बैंक शाखाओं से भीड़ खत्म हो चुकी है। अन्य हिस्सों में एक हफ्ते में पर्याप्त नकदी पहुंचने लगेगी। इस हिसाब से बजट पेश होने के आसपास तक नकदी निकालने पर लगी मौजूदा सीमा खत्म होने के आसार हैं।
सूत्रों के मुताबिक, अभी बैंक खाता से नकदी निकालने को लेकर जो सीमा लगी है, वह सिर्फ औपचारिकता भर है। नोटबंदी लागू होने के पहले के आंकड़े बताते हैं कि हर एटीएम से औसतन 3,400 रुपये की राशि निकाली जाती थी। अभी आरबीआई की तरफ से लगाई गई सीमा 4500 रुपये है।
ग्रामीण क्षेत्रों के अलावा अन्य सभी हिस्सों में हर परिवार में कम-से-कम दो लोगों के बैंक खाते हैं। एटीएम से भी दो तिहाई लोग एक से ज्यादा एटीएम से रुपये निकाल रहे हैं। इससे ज्यादा जिसे जरूरत है वह बैंक शाखा से 24 हजार रुपये तक प्रति सप्ताह निकाल रहा है। इसलिए सीमा लगाने का बहुत मतलब नहीं रह गया है।
31 जनवरी, 2017 से संसद का बजट सत्र शुरू हो रहा है। इसके अगले दिन ही वर्ष 2017-18 का आम बजट पेश होगा। कांग्रेस, टीएमसी समेत तमाम विपक्षी दलों ने कह है कि नोटबंदी और इससे आम जनता को हुई परेशानी का मुद्दा उनके एजेंडे में सबसे ऊपर रहेगा। यह भी एक वजह है कि सरकार नकद निकासी की सीमा को लेकर संसद में नहीं जाना चाहती।
सोने में तेजी के रुझान को देख असर घरेलू बाजार पर
विदेश में तेजी के रुझान देख आभूषण निर्माताओं ने सोने में बुधवार को लिवाली जारी रखी। इसके चलते स्थानीय सराफा बाजार में पीली धातु 200 रुपए चमककर 28 हजार 550 रुपए प्रति दस ग्राम पर बंद हुई। बीते दिन भी यह धातु 50 रुपए सुधरी थी।
इसी तरह औद्योगिक यूनिटों और सिक्का निर्माताओं की बढ़ी खरीद की वजह से चांदी 650 रुपए उछलकर 40 हजार 250 रुपए प्रति किलो हो गई। मंगलवार को भी इस सफेद धातु में 300 रुपए की तेजी दर्ज हुई थी।
सिंगापुर के अंतरराष्ट्रीय सराफा बाजार में सोना बढ़कर 1162.70 डॉलर प्रति औंस पर पहुंच गया। चांदी चढ़कर 16.41 डॉलर प्रति औंस बोली गई। इसका असर घरेलू बाजार पर भी पड़ा। यहां सोना आभूषण के भाव 200 रुपए भड़ककर 28 हजार 400 रुपए प्रति दस ग्राम हो गए।
हालांकि आठ ग्राम वाली गिन्नी पूर्वस्तर 24 हजार रुपए पर यथावत रही। चांदी साप्ताहिक डिलीवरी 680 रुपये के फायदे में 40 हजार 220 रुपए प्रति किलो बोली गई। चांदी सिक्का भी 1000 रुपए उछलकर 71000-72000 रुपए प्रति सैकड़ा पर बंद हुआ।
जीएसटी पर दोहरे नियंत्रण पर असहमति और सेवा क्षेत्र के खराब प्रदर्शन के मद्देनजर निवेशकों ने बुधवार को सत्र के आखिरी घंटे में बिकवाली तेज कर दी। कमजोरी के साथ खुले यूरोपीय बाजारों ने इस मुनाफावसूली को और बढ़ा दिया। इसके चलते बुधवार को बंबई शेयर बाजार (बीएसई) का सेंसेक्स 10.11 अंक टूटकर 26633.13 पर बंद हुआ।
बीते दिन इस संवेदी सूचकांक में 47.79 अंक की बढ़त दर्ज हुई थी। इसी प्रकार नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी भी 1.75 अंक की मामूली गिरावट के साथ 8190.50 पर बंद हुआ। इस दिन सेंसेक्स की तीस कंपनियों में 16 के शेयर फायदे में रहे, जबकि 14 में नुकसान दर्ज हुआ।
बैंकों और निर्यातकों की ओर से डॉलर की बिकवाली के चलते अंतर बैंक विदेशी मुद्रा बाजार में बुधवार को रुपया उलटी चाल चला। इस दिन भारतीय मुद्रा 29 पैसे मजबूत होकर 68.05 रुपए प्रति डॉलर पर बंद हुई। बीते दो दिनों में रुपया अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले 41 पैसे कमजोर हो गया था।
नए आइडिया को लेकर स्टार्टअप
स्टार्टअप को लेकर शहर के लोगों का रुझान दिनों-दिन बढ़ रहा है। वह नए-नए आइडिया को लेकर अपने स्टार्टअप खड़े कर रहे हैं । इतना ही नहीं शहर से संबंधित युवाओं के स्टार्टअप अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी सराहे जा रहे हैं। कई बड़ी कंपनियां इन स्टार्टअप को बढ़ाने के लिए सहायता भी मुहैया करा रही हैं । ऐसी ही एक स्टार्टअप कंपनी को हाल ही में सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक ने अपने एफबीस्टार्ट प्रोग्राम के लिए चुना। आईआईएम इंदौर के पूर्व छात्र सौमित्र अग्रवाल की स्टार्टअप वेबसाइट टॉकुट को इसके लिए चुना गया है। टॉकुट उन तीन भारतीय कंपनियों में शामिल है, जिन्हें फेसबुक ने दर्जनों कंपनियों में से चयनित किया।
सौमित्र ने बताया कि एफबीस्टार्ट के लिए फेसबुक की सिलेक्शन प्रॉसेस को पूरा करना पड़ता है। इसके लिए वेबसाइट पर फेसबुक द्वारा निर्धारित मिनिमम यूजर्स होने चाहिए और यूजर्स को कंपनी की सर्विस से सेटिस्फाई भी होना चाहिए। इसके साथ ही वेबसाइट एफबी के टूल को इस्तेमाल करती हो। हमने इसके लिए आवेदन किया था और सारी शर्तों को पूरा करने पर हमारा चयन हुआ।
सौमित्र ने बताया कि इस प्रोग्राम के लिए चयन होने के बाद एफबी की तरफ से उन्हें 40 हजार डॉलर करीब 28 लाख स्र्पये के इंसेंटिव्स मिलेंगे। इन इन्सेंटिव्स की मदद से वह अपने स्टार्टअप को और अपडेट कर सकते हैं। इसके अलावा वह फेसबुक और 30 अन्य कंपनियों के फ्री टूल और सर्विस की मदद ले सकेंगे। उनकी कंपनी 25 सर्विस पर फ्री एक्सेस भी कर सकेगी।
एफबीस्टार्ट फेसबुक का एक स्टार्टअप प्रोग्राम है, जिसमें वह ऐसी नेटवर्किंग साइट को लेते हैं, जो एफबी के टूल का इस्तेमाल करती हों। कोई भी डेवलपर, जिसने गूगल प्ले ऐप स्टोर और एपल में मोबाइल ऐप बनाया हो, इसके लिए आवेदन कर सकता है।
फाइनेंशियल सेक्टर में सबसे ज्यादा गिरावट
मंगलवार के कारोबारी सत्र में शेयर बाजार की शुरुआत कमजोरी के साथ हुई। प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स 73.25 अंकों की गिरावट के साथ 26522.20 के स्तर पर और निफ्टी 26.65 अंकों की कमजोरी के साथ 8152.85 के स्तर पर कारोबार कर रहा है।
इंडेक्स की बात करें तो ऑटो (0.07 फीसदी), मेटल (0.44 फीसदी), फार्मा (0.30 फीसदी) और रियल्टी (0.03 फीसदी) को छोड़ सभी सूचकांक लाल निशान में कोराबार कर रहे हैं। फाइनेंशियल सर्विस (0.55 फीसदी), एफएमसीजी (0.22 फीसदी), आईटी (0.34 फीसदी), और बैंकिंग में गिरावट देखने को मिल रही है। वहीं मिडकैप (0.24 फीसदी) और स्मॉलकैप (0.31 फीसदी) की बढ़त देखने को मिल रही है।
दिग्गज शेयर्स की बात करें तो निफ्टी में शुमार शेयर्स में 24 हरे निशान में और 27 गिरावट के साथ कारोबार कर रहे हैं। सबसे ज्यादा तेजी पावरग्रिड (1.01 फीसदी), डॉ रेड्डी (0.60 फीसदी), टेक एम (0.55 फीसदी), टाटा मोटर्स (0.47 फीसदी) और भेल (0.41 फीसदी) के शेयर्स में देखने को मिल रही है। वहीं, गिरावट हीरोमोटो को (1.24 फीसदी), इंफी (1.21 फीसदी), बैंक ऑफ बड़ौदा (1.07 फीसदी), बजाज ऑटो (1.06 फीसदी) और एक्सिस बैंक (0.82 फीसदी) के शेयर्स में देखने को मिल रही है।