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सेमीफाइनल में प्रवेश कर लिया चेन्नई स्मैशर्स ने
ओलिंपिक रजत पदक विजेता पीवी सिंधु की अगुआई वाली चेन्नई स्मैशर्स ने मंगलवार को मुंबई रॉकेट्स को 4-3 से हराकर प्रीमियर बैडमिंटन लीग (पीबीएल) के सेमीफाइनल में प्रवेश कर लिया है। अवध वॉरियर्स और मुंबई रॉकेट्स पहले ही सेमीफाइनल में पहुंच चुके हैं।
चेन्नई स्मैशर्स 14 अंकों के साथ तीसरे स्थान पर हैं और उसके पास लीग दौर में दूसरे स्थान के साथ समाप्ति का अवसर है। अंक तालिका में फिलहाल मुंबई 19 अंकों के साथ शीर्ष पर है। चौथे स्थान के लिए बेंगलुरु, हैदराबाद और दिल्ली के बीच मुकाबला है।
मंगलवार को पहले पुरुष सिंगल्स मुकाबले में मुंबई रॉकेट्स के एचएस प्रणय ने चेन्नई के पारूपल्ली कश्यप को 11-9, 13-11 से हराकर अपनी टीम को 1-0 से कर दिया। दूसरा मुकाबला मिक्स्ड डबल्स था और ये चेन्नई के लिए ट्रंप गेम था।
चेन्नई के क्रिस एडकॉक और गैब्रियल एडकॉक की जोड़ी ने मुंबई के चिराग शेट्टी और जिएबा से पहला गेम 9-11 से हारने के बाद वापसी की और मुकाबले को अगले दो गेम 1-2, 11-7 से जीतकर टीम के लिए दो अंक हासिल किये। चेन्नई की टीम इस जीत से 2-1 से आगे हो गई।
तीसरा मुकाबला पुरुष सिंगल्स था और इसमें चेन्नई के टॉमी सुगिआर्तो ने बढ़िया फॉर्म में चल रहे मुंबई के अजय जयराम को पहला गेम 8-11 से हारने के बाद अगले दोनों गेम में 11-2, 11-5 से मात देकर मुकाबला अपने नाम किया।
चौथा मुकाबला महिला सिंगल्स था और चेन्नई की सिंधु ने मुंबई की सुंग जी ह्यून को 11-8, 12-10 से हराकर टीम को मैच में 4-1 की निर्णायक बढ़त दिला दी।
आखिरी मुकाबला पुरुष डबल्स था और ये मुंबई के लिए ट्रंप गेम था। इस मुकाबले में मुंबई रॉकेट्स के निपिथफोन पुआंगपुआपेक और योंग दाई ली की जोड़ी ने चेन्नई स्मैशर्स के क्रिस एडकॉक और मैड्स पिएलर कोल्डिंग की जोड़ी को 11-3, 11-5 से हराकर टीम के लिए दो अंक हासिल किए।
बुधवार को चेन्नई स्मैशर्स अपने आखिरी लीग मुकाबले में अवध वॉरियर्स का सामना करेगी, जहां हमें पीवी सिंधु और साइना नेहवाल के बीच मुकाबला देखने को मिल सकता है।
फिट घोषित किया स्वर्ण पदक विजेता गीता फोगाट को
कॉमनवेल्थ गेम्स की स्वर्ण पदक विजेता गीता फोगाट को सोमवार को प्रो कुश्ती लीग (पीडब्ल्यूएल) के लिए फिट घोषित किया गया।
इसके बाद उनकी टीम यूपी दंगल ने कहा कि वह मंगलवार को अपना मैच खेलेंगी। टीम ने घोषणा की कि गीता अब फिट हैं एनसीआर पंजाब रॉयल्स के खिलाफ मुकाबले के लिए उपलब्ध रहेंगी।
हालांकि उनकी बहन बबीता चोट के कारण बाहर हो गई हैं। यूपी दंगल के मालिक सन्नी कत्याल ने कहा कि बबीता हरियाणा हैमर्स के खिलाफ खेलते हुए चोटिल हो गई थीं। वह नहीं खेल पाएंगी, लेकिन अपने साथियों का हौसला बढ़ाने के लिए उपस्थित रहेंगी।
डब्ल्यूएल में एनसीआर पंजाब रॉयल्स की तरफ से खेल रहे अजरबेजान के पहलवान तोगरुल एसग्रोव (65 किग्रा) चोट के कारण लीग से बाहर हो गए हैं।
लंदन के स्वर्ण और रियो ओलिंपिक के रजत पदक विजेता एसग्रोव ने रविवार को दिल्ली सुल्तांस के सुरजीत सिंह को 30 सेकेंड में चित कर दिया था।
आयोजकों के अनुसार एसग्रोव की जगह 2016 वर्ल्ड कप के रजत पदक विजेता रूसी पहलवान इल्यास इद्रिसोविच बेकबलातोव को टीम में शामिल किया जा रहा है।
देखने को मिलेगी गीता और ओलिंपिक कांस्य पदक विजेता साक्षी मलिक के बीच जोरदार भिड़ंत
सुपर स्टार आमिर खान की “दंगल” ने बॉक्स ऑफिस पर तलहका मचा रखा है लेकिन जिन महिला पहलवानों को केंद्रित कर यह फिल्म बनाई गई उनका जादू प्रो कुश्ती लीग (पीडब्ल्यूएल) के दूसरे सत्र से अब तक नदारद है।
फिल्म की केंद्र बिंदु गीता फोगाट थी, जिन्होंने 2010 के दिल्ली राष्ट्रकुल खेलों में स्वर्ण पदक जीता था। गीता के साथ उनकी बहनें बबीता कुमारी, रितु फोगाट और संगीता फोगाट भी इस लीग में उतरी हैं लेकिन अब तक इन पहलवानों का कोई करिश्मा देखने को नहीं मिल पाया है।
उल्टे गीता और बबीता तो चोटों के कारण इस लीग से ही हट गई हैं। गीता और बबीता यूपी दंगल की टीम का हिस्सा थीं लेकिन दोनों ने खुद को अब इस लीग से अलग कर लिया है। गीता तो एक भी मुकाबला नहीं लड़ पाई जबकि बबीता को एक मुकाबले में शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा।
58 किग्रा वर्ग में उम्मीद की जा रही थी कि गीता और ओलिंपिक कांस्य पदक विजेता साक्षी मलिक के बीच जोरदार भिड़ंत देखने को मिलेगी। लेकिन यह मुकाबला परवान ही नहीं चढ़ पाया।
यूपी दंगल का पहला मुकाबला गत उपविजेता हरियाणा हैमर्स से था लेकिन यूपी ने 58 किग्रा वर्ग में ओलिंपिक कांस्य विजेता टयूनीशिया की मारवा अमरी के मैच को ब्लॉक कर दिया जिससे गीता मैट पर ही नहीं उतर पाई।
दो युवाओं ने किया कमाल
दो युवाओं ने वो कमाल किया जिसके बाद हर भारतीय का सीना गर्व से चौड़ा हो गया। दरअसल यहां के दो युवा बासित अहमद और मोहम्मद असरार ने सीआरपीएफ की मदद से स्पेन के थर्ड टायर फुटबॉल क्लब के लिए खेलेंगे।
घाटी में जिस तरह के हालात हैं ऐसे में इन दोनों युवाओं की ये कामयाबी बेहद खास है। इन दोनों ने खेल के प्रति अपने लगाव को जिंदा रखा और अब उसका फल उनसे सामने है।
आपको बता दें कि घाटी के वर्तमान हालात में पिछले चार महीनों से स्कूल और खेल कूद के क्षेत्र में छात्र कुछ खास नहीं कर पा रहे हैं ऐसे में सीआरपीएल में स्पेन के इस फुटबॉल क्लब से हाथ मिलाया जिससे की जमीनी स्तर पर खेल प्रतिभाओं को आगे बढ़ने का मौका मिल सके।
सीआरपीएफ की इस पहल के बाद बासित और असरार को स्पेन की टीम के साथ खेलने का मौका मिला। इस मुकाम को हासिल करने के बाद बासित ने कहा कि ये एक सपने जैसा है जो अब सच्चाई में बदलने जा रहा है।
इसके अलावा असरार ने कहा कि मैंने इसके बारे में कभी सोचा भी नहीं था। प्रतियोगिता काफी मुश्किल था मगर मैं खुश हूं कि बासित को चुना गया। अब मुझे भी सीखने का मौका मिलेगा और मैं अपना बेस्ट दूंगा।
कॉन्ट्रैक्ट के मुताबिक इन दोनों युवाओं के खेल से जुड़े सभी खर्चे स्पेन के इस क्लब द्वारा उठाए जाएंगे।सीआरपीएफ इंस्पेक्टर जनरल ज़ुल्फीकार हसन बताते हैं कि सीआरपीएफ ने स्पेन के क्लब के साथ हाथ मिलाया था। यह तो बहुत खुशी की बात है कि इन दोनों लड़कों को चुन लिया गया है।’
बहुत संभावनाएं हैं अश्विन में
भारतीय दिग्गज स्पिनर रविचंद्रन अश्विन इन दिनों मैदान के अंदर तथा बाहर समान रूप से नई उपलब्धियां हासिल कर रहे हैं। स्पोर्ट्स कन्सलटेंट तथा मैनेजमेंट कंपनी आईटीडब्ल्यू कन्सल्टिंग प्रायवेट लिमिटेड ने अश्विन से नाता जोड़ा हैं और उनका इरादा इस साल के अंत तक अश्विन को 15 से ज्यादा ब्रांड्स का एम्बेसडर बनाने का है।
आईटीडब्ल्यू के भैरव शांत ने कहा, ब्रांड अश्विन में बहुत संभावनाएं हैं और हम उन्हें वर्ष के अंत तक 15 से ज्यादा ब्रांड्स से जोड़ने का इरादा रखते हैं। अश्विन की छवि बहुत साफ है और मैदान में उन्हें टफ खिलाड़ी के रूप में देखा जाता है। मैदान में उनकी प्रतिबद्धता देखने लायक होती है और कप्तान उन पर भरोसा कर सकता है।
इस कंपनी के अनुसार महान कपिलदेव के बाद अश्विन के रूप में टीम इंडिया को वास्तविक ऑलराउंडर मिला है।
अश्विन ने पिछले वर्ष दो आईसीसी अवॉर्ड्स हासिल किए थे।
प्लेयर ऑफ द ईयर के अलावा उन्हें टेस्ट क्रिकेटर ऑफ द ईयर चुना गया था। अश्विन को आईसीसी प्लेयर ऑफ द ईयर चुने जाने के बाद इस तरह का अनुबंध मिला है।
सचिन तेंडुलकर के बाद दूसरे युवा बल्लेबाज बने पृथ्वी शॉ
डेब्यू रणजी मैच खेल रहे पृथ्वी शॉ ने अपने 99 से 100 तक के सफर के पांच मिनटों के दौरान पिता पंकज को गम के भवंडर से खुशी के आसमान तक पहुंचा दिया। तमिलनाडु के खिलाफ राजकोट में रणजी सेमीफाइनल में इस दौरान नोबॉल पर आउट होने के गम से लेकर पहले शतक की खुशी तक का माहौल देखने को मिला।
17 वर्षीय पृथ्वी राजकोट में बल्लेबाजी कर रहे थे, लेकिन मुंबई के सांताक्रूज ईस्ट स्थित उनके निवास पर माहौल बहुत तनावपूर्ण था। पृथ्वी के 90 रन पार करने के बाद तो पिता पंकज और दादी दुलारी के लिए सीट पर बैठ पाना मुश्किल था। दोपहर के 1.56 बजे थे, ये दोनों भगवान से प्रार्थन कर रहे थे तभी 99 के स्कोर पर पृथ्वी ने विजय शंकर की गेंद पर गली में बाबा अपराजित को कैच थमा दिया। उन्हें आउट करार दिया गया तो जैसे पिता पंकज का सपना चकनाचूर हो गया। दादी दुलारी बिना कुछ बोले कमरे के बाहर चली गई। इसके कुछ क्षणों बाद जैसे ही यह पता चला कि यह नोबॉल थी और पृथ्वी बच गया है तो मानो खुशियां लौट आई। एक पड़ौसी ने पिता पंकज से कहा, डर मत बेटा भगवान हमारे साथ हैं।
पृथ्वी के पिता और सभी की निगाहें टेलीविजन स्क्रीन पर टिक गई थी। पंकज ने कहा, संभलकर खेल बेटा। इसके बाद पृथ्वी ने अगली दो गेंदें संभलकर खेली और तीसरी गेंद को पाइंट की तरफ कट किया, लेकिन कोई रन नहीं बनाया। इस पर पिता बोले, अरे इस पर रन हो सकता था। इसके बाद दोपहर 2.02 बजे जैसे ही पृथ्वी ने स्क्वेयर ड्राइव मारकर एक रन लिया, पिता पंकज की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। इसके बाद तो करीब डेढ घंटे तक लगातार पंकज शॉ के फोन पर बधाई संदेश आते रहे
पृथ्वी ने इतिहास रचा, वे सचिन तेंडुलकर (15 वर्ष 231 दिन) के बाद मुंबई की तरफ से प्रथम श्रेणी मैच में शतक लगाने वाले दूसरे युवा बल्लेबाज बन गए। पृथ्वी ने 17 वर्ष 57 दिन की आयु में यह कारनामा अंजाम दिया।
चौकाने वाले निर्णय लेते हैं धोनी
भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान रहे महेंद्र सिंह धोनी हमेशा चौकाने वाले निर्णय लेते रहे हैं। धोनी के बहनोई गौतम गुप्ता भी मानते हैं कि वह बचपन से ही इसी तरह का है।
टेस्ट की कप्तानी छोड़ने के पहले उसने घर में किसी को नहीं बताया था और एक बार फिर उसने घरवालों को कोई सूचना तक नहीं दी।
गौतम का कहना है कि वह उचित समय पर उचित निर्णय लेने में माहिर है। बचपन की एक घटना को याद करते हुए उन्होंने बताया कि स्कूल लीग चल रहा था और उसकी तबीयत खराब थी।
खेल शिक्षक तथा घर के सभी सदस्यों ने उसे घर पर आराम करने को कहा था। लेकिन मैच शुरू होने के एन पहले वह मैदान पर पहुंच गया और पैड पहनकर तैयार हो गया।
काफी समझाने पर जब वह नहीं माना तो उसे खेलने दिया गया। उस मैच में माही ने अर्धशतक लगया था। यहीं नहीं वह कई बार अपने पापा को भी अपने निर्णय से अचंभित कर देते हैं।
उसने अपनी शादी की खबर भी मुझे अचानक बताई जबकि हम साथ-साथ रहते घूमते हैं फिर भी उसने शुरू में इसकी भनक तक नहीं लगने दी।
अध्यक्ष पद की दौड़ में नहीं गांगुली
पूर्व भारतीय कप्तान और क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ बंगाल (सीएबी) के अध्यक्ष सौरव गांगुली ने इस बात का खंडन किया कि वे बीसीसीआई अध्यक्ष पद के दावेदारों में सबसे आगे हैं।
बीसीसीआई अध्यक्ष पद की दावेदारी को लेकर आ रही खबरों के बीच गांगुली ने कहा, मेरा नाम अनावश्यक रूप से लिया जा रहा है। मैं इसकी पात्रता नहीं रखता हूं। मैंने बंगाल क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष के रूप में एक साल पूरा किया है और मेरे दो साल अभी बचे हैं। मैं बीसीसीआई अध्यक्ष पद की दौड़ में नहीं हूं।‘
यह पूछे जाने पर कि क्या सीएबी लोढ़ा समिति की सिफारिशों को लागू करेगा, गांगुली ने कहा कि एसोसिएशन के पास इसे मानने के सिवा कोई चारा नहीं है। बुधवार को सीएबी पदाधिकारियों की बैठक है जिसमें भविष्य की रणनीति को लेकर चर्चा की जाएगी।
सीएबी चीफ ने कहा कि भले ही कई पदाधिकारी अब एसोसिएशन का चुनाव लड़ने में अपात्र हो जाएंगे, लेकिन इसके बाद भी कई काबिल व्यक्ति मौजूद है। भारत और इंग्लैंड के बीच कोलकाता में 22 जनवरी को होने वाले तीसरे टी20 मैच के बाद एसोसिएशन विशेष आमसभा आयोजित करेगा।
पीवी सिंधु को प्लॉट तोहफे में
तेलंगाना सरकार ने आज ओलिंपिक रजत पदक विजेता बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधु को हैदराबाद के करीब 1100 गज का प्लॉट तोहफे में दिया। ओलिंपिक में ऐतिहासिक सफलता के लिए सरकार ने सिंधु को सम्मानित किया है।
ये प्लॉट हैदराबाद के शाइकपेत गांव में मौजूद है। प्लॉट तोहफे के रूप में देने के लिए सरकार द्वारा जो आदेश जारी हुआ उसमें लिखा था कि, ‘सरकार (तेलंगाना) ने सतर्कता के आंकलन करने के बाद हैदराबाद के जिला कलेक्टर का वो प्रस्ताव मंजूर कर दिया है जिसमें शाइकपेत गांव के दो जुड़े हुए प्लॉट्स को 1000 गज के एक प्लॉट में तैयार करके बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधु को रियो ओलिंपिक में रजत पदक जीतने पर भेंट करने की मांग रखी गई थी।’ गौरतलब है कि सिंधु ओलिंपिक में रजत पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी बनी थीं।
1 रन और बनाकर दुनिया के पांचवें बल्लेबाज बन जाते सहवाग
भारत के वीरेंद्र सहवाग 10 साल पहले सेंट लुसिया में वेस्टइंडीज के खिलाफ टेस्ट मैच में इतिहास रचने से मात्र 1 रन से चूके थे। सहवाग वेस्टइंडीज के खिलाफ दूसरे टेस्ट के पहले दिन 10 जून 2006 को लंच के वक्त 99 रन बनाकर नाबाद रहे, यदि वे 1 रन और बना लेते तो टेस्ट के पहले दिन लंच के पहले शतक लगाने वाले दुनिया के पांचवें बल्लेबाज बन जाते।
वीरू ने तूफानी बल्लेबाजी कर अर्द्धशतक तो मात्र 33 गेंदों में पूरा कर लिया था। पहले दिन 24 ओवरों के बाद वे 93 रन बनाकर क्रीज पर थे। कोरी कॉलीमोर पहले सत्र का अंतिम ओवर डाल रहे थे और वीरू को इतिहास रचने के लिए सात रन और बनाने थे, लेकिन वे एक चौके की मदद से इसमें 6 रन ही बना पाए। वीरू 75 गेंदों में 15 चौकों और 2 छक्कों की मदद से 99 रन बनाकर क्रीज पर थे। टीम इंडिया ने बिना कोई विकेट खोए 140 रन बनाए थे, लेकिन सहवाग इतिहास रचने का मौका चूक गए थे।
यदि सहवाग पहले सत्र में 1 रन और बनाकर शतक पूरा कर लेते तो वे टेस्ट के पहले दिन पहले सत्र में शतक लगाने वाले दुनिया के पांचवें बल्लेबाज बन जाते। वे इसी के साथ विक्टर ट्रंपर (ऑस्ट्रेलिया – 1902), चार्ल्स मैकार्टनी (हैडिंग्ले – 1926), डॉन ब्रैडमैन (हैडिंग्ले – 1930) और माजिद खान (कराची – 1976) के समूह में स्थान बना लेते। सहवाग तो उस दिन मात्र 1 रन से इस समूह में शामिल होने से चूके, लेकिन डेविड वॉर्नर ने 3 जनवरी 2016 को सिडनी टेस्ट में पाकिस्तान के खिलाफ यह उपलब्धि हासिल कर ली।