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सेरेना ग्रैंड स्लेम जीतने के मामले में दूसरे नंबर पर

शनिवार को खेले गए साल के पहले ग्रैंड स्लैम के फाइनल मुकाबले में सेरेना ने अपनी बड़ी बहन वीनस विलियम्स को हराकर ऑस्ट्रेलियन ओपन के खिताब पर कब्जा किया। सेरेना ने वीनस को लगातार सेट में 6-4, 6-4 से पराजित किया। इस जीत के साथ ही सेरेना ने अपने करियर का 23वां ग्रैंड स्लैम सिंगल्स टाइटल भी जीता। उन्होंने ग्रैंड स्लैम जीतने के मामले में जर्मनी की पूर्व टेनिस प्लेयर स्टेफी ग्राफ (22 टाइटल) को पीछे छोड़ दिया है।
सबसे ज्यादा ग्रैंड स्लेम जीतने के मामले में अब भी वो दूसरे नंबर पर आ गई हैं। ऑस्ट्रेलिया की मार्गारेट कोर्ट से अब भी वे एक टाइटल पीछे हैं, जिनके नाम पर सबसे ज्यादा (24) टाइटल जीतने का रिकॉर्ड है।
अपने करियर में सातवीं बार ऑस्ट्रेलियन ओपन का टाइटल जीतने वाली सेरेना दुनिया की नंबर वन खिलाड़ी भी बन गई हैं। इससे पहले, सेरेना ने सेमीफाइनल में मिरजाना लुसिच-बारोनी को सिर्फ 50 मिनट में 6-2, 6-1 से पराजित किया था, जबकि उनकी बड़ी बहन वीनस ने कोको वांदेवेघे को 6-7, 6-2, 6-3 से मात देकर फाइनल में जगह पक्की की थी।
2009 के बाद वीनस पहली बार किसी बड़ी प्रतियोगिता के फाइनल में पहुंची हैं। दोनों बहनें आठ साल बाद फाइनल में आमने-सामने थी। ग्रैंड स्लैम फाइनल में सेरेना और वीनस के बीच ये नौवीं टक्कर थी। जिसमे सेरेना ने 7 बार जीत हासिल की है।

इंग्लैंड के कप्तान इयोन मॉर्गन से बचकर रहना होगा टीम इंडिया को करते आए हैं धमाकेदार प्रदर्शन

भारत और इंग्लैंड के बीच तीन टी-20 मैचों की सीरीज कानपुर में 26 जनवरी से शुरू होगी। भारत भले ही टेस्ट और वन-डे सीरीज अपने नाम कर चुका है, लेकिन टी-20 में उसका इंग्लैंड के खिलाफ प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा है। विराट कोहली की टीम इंडिया को इस तीन मैचों की सीरीज में इंग्लैंड के कप्तान इयोन मॉर्गन से बचकर रहना होगा क्योंकि टी-20 मैचों में वे भारत के खिलाफ धमाकेदार प्रदर्शन करते आए हैं।
इंग्लैंड ने पिछले दो टी-20 मैचों में भारत को हराया है और इन दोनों मैचों में उसे जीत दिलाने में 30 वर्षीय कप्तान मॉर्गन की अहम भूमिका रही है। वैसे भी मॉर्गन भारत के खिलाफ संपन्न वन-डे सीरीज में जबर्दस्त फॉर्म में थे, इसलिए यदि विराट की टीम को सबसे छोटे प्रारूप में जीत दर्ज करनी है तो उसे इंग्लिश कप्तान से जल्दी निजात पानी होगी।
कटक वन-डे में भारत का 382 रनों का विशाल लक्ष्य भी इंग्लैंड छोटा साबित कर देता। कप्तान मॉर्गन के शानदार शतक से मेहमान टीम जीत के करीब पहुंच गई थी। वो तो अच्छा हुआ कि 81 गेंदों में 6 चौकों और 5 छक्कों की मदद से 102 रन बनाकर मॉर्गन आउट हो गए अन्यथा इंग्लैंड अपनी सबसे बड़ी जीत दर्ज कर लेता।
मॉर्गन ने कोलकाता वन-डे में भी अपनी टीम की सांत्वना जीत में अहम भूमिका निभाई। उन्होंने 42 गेंदों में 2 चौकों और 3 छक्कों की मदद से 43 रन बनाते हुए टीम को 321 के मजबूत स्कोर तक पहुंचाया।
इंग्लैंड की पिछली दो टी20 जीत के हीरो मॉर्गन: भारत और इंग्लैंड के बीच हुए पिछले दोनों टी-20 मैचों में इंग्लैंड विजयी हुआ था और दोनों मैचों में मॉर्गन हीरो साबित हुए थे।
मुंबई में दिलाई जीत: भारत ने 2012 में इंग्लैंड के खिलाफ 2 टी20 मैचों की सीरीज में 1-0 की बढ़त बनाई थी। मुंबई में दूसरे मैच में भारत ने 8 विकेट पर 177 रन बनाए थे। कप्तान मॉर्गन ने छोटी किंतु तूफानी पारी खेलकर अपनी टीम को जीत दिलाई। वे 26 गेंदों पर 5 चौकों और 2 छक्कों की मदद से 49 रनों की नाबाद पारी खेलकर टीम को जीत दिलाकर लौटे थे। इंग्लैंड को अंतिम अंतिम ओवर में जीत के लिए 9 रन चाहिए थे और अशोक डिंडा की अंतिम गेंद पर मॉर्गन ने छक्का लगाकर जीत दिलाई थी।
बर्मिंघम में मॉर्गन का तूफान: 7 सितंबर 2014 को बर्मिंघम में कप्तान इयोन मॉर्गन के विस्फोटक 71 रनों से इंग्लैंड ने 7 विकेट पर 180 रन बनाए थे। 75/3 की स्थिति में क्रीज पर उतरे मॉर्गन ने मात्र 31 गेंदों में 3 चौकों और 7 छक्कों की मदद से 71 रन बनाए। भारत 5 विकेट पर 177 रन ही बना पाया और इंग्लैंड ने यह मुकाबला 3 रनों से जीता था।

स्विट्जरलैंड के रोजर फेडरर ऑस्ट्रेलियन ओपन के क्वार्टरफाइनल में जगह बना ली

शीर्ष दो खिलाड़ियों एंडी मरे और नोवाक जोकोविच के बाहर हो जाने के बीच पूर्व नंबर एक टेनिस खिलाड़ी और 17 बार के ग्रैंड स्लैम चैंपियन स्विट्जरलैंड के रोजर फेडरर ऑस्ट्रेलियन ओपन के क्वार्टरफाइनल में जगह बना ली है।
फेडरर के हमवतन और चौथे वरीय वावरिंका, विश्व की पूर्व नंबर एक खिलाड़ी अमेरिका की सेरेना विलियम्स और सातवीं सीड स्पेन की गरबाइन मुगुरुजा और 12 वीं वरीयता प्राप्त जो विल्फ्रेड सोंगा ने भी अपने-अपने मुकाबले जीतकर क्वार्टरफाइनल में स्थान बना लिया।
फेडरर ने 3 घंटे 23 मिनट तक चले पांच सेटों के मैराथन संघर्ष में पांचवीं सीड जापान के केई निशिकोरी को 6-7, 6-4, 6-1, 4-6, 6-3 से पराजित किया।
अब 17वें वरीय फेडरर के सामने क्वार्टरफाइनल में जाएंट किलर के नाम से मशहूर दुनिया के 50 वें नंबर के खिलाड़ी ज्वेरेव की चुनौती होगी।

मलेशिया मास्टर्स ग्रांप्रि गोल्ड बैडमिंटन के सेमीफाइनल में प्रवेश कर लिया साइना नेहवाल ने

विश्व की पूर्व नंबर एक खिलाड़ी साइना नेहवाल ने सत्र के पहले मलेशिया मास्टर्स ग्रांप्रि गोल्ड बैडमिंटन के महिला एकल के सेमीफाइनल में प्रवेश कर लिया।
साइना ने 40 मिनट चले मुकाबले में विश्व की 40वें नंबर की इंडोनेशिया की फितरियानी फितरियानी को 21-15, 21-14 से हराया। अब उनका मुकाबला हांगकांग की यिप पुई यिन से होगा।
पुरुषों में विश्व के 19वें नंबर के खिलाड़ी अजय जयराम इंडोनशिया के एंथोनी सिनिसुका गिंटिंग के सामने टिक नहीं सके। गिंटिंग ने सिर्फ 28 मिनट चले मुकाबले में जयराम को 21-13, 21-8 से हराया।
साइना नेहवाल ने कहा कि सक्रिय करियर के साथ अंतरराष्ट्रीय ओलिंपिक समिति के एथलीट आयोग के सदस्य की जिम्मदारी संभालना आसान नहीं है। लंदन ओलिंपिक की कांस्य विजेता साइना को पिछले साल अक्टूबर में यह जिम्मेदारी सौंपी गई थी।
विश्व बैडमिंटन संघ के मुताबिक, साइना ने कहा- “किसी भारतीय खिलाड़ी के लिए यह एक दुर्लभ सम्मान है। यह बहुत बड़ी जिम्मेदारी है। मैं शीर्ष स्तर पर खेल रही हूं और अपने खेल को सौ फीसद देना चाहती हूं। हालांकि मैं आयोग के सदस्य के तौर पर भी अपना समय देना चाहती हूं, क्योंकि मुझे आयोग के साथ विभिन्न खेलों में सुधार और खिलाड़ियों की समस्याओं के बारे में बात करनी है। एथलीट आयोग में कई चीजें शामिल रहती हैं, इसलिए यह केवल मेरा काम नहीं है। आयोग में मुझे सहयोग देने के लिए तमाम और लोग भी होंगे”

वन-डे क्रिकेट में सचिन तेंडुलकर के बाद दूसरे सर्वाधिक रन बनाने वाले क्रिकेटर बने धोनी

महेंद्रसिंह धोनी ने गुरुवार को कटक में इंग्लैंड के खिलाफ दूसरे वन-डे के दौरान एक विशेष उपलब्धि हासिल कर ली। उन्होंने इस मैच के दौरान वन-डे क्रिकेट में भारत के 4000 रन पूरे किए और वे यह उपलब्धि हासिल करने वाले सचिन तेंडुलकर के बाद दूसरे क्रिकेटर बने।
धोनी ने कटक वन-डे में जैसे ही 9 रन पूरे किए, वे इस विशेष मंजिल तक पहुंचे। धोनी ने भारत में 110वें मैच की 110वीं पारी में 4000 रन पूरे किए। धोनी ने कटक वन-डे में 134 रनों की पारी खेली। अब वे भारत में 58.92 की औसत से 4125 रन बना चुके हैं। वैसे धोनी वन-डे क्रिकेट में 9000 से ज्यादा रन बना चुके हैं।
सचिन तेंडुलकर ने सबसे पहले भारत में 4000 रन वन-डे पूरे किए थे। सचिन अपने चमकीले वन-डे करियर में भारत में 164 मैचों में 48.11 की औसत से 6976 रन बना चुके हैं। उन्होंने अपने देश में 20 शतक और 38 अर्द्धशतक बनाए। सचिन ने वन-डे करियर में कुल 463 मैचों में 44.83 की औसत से 18426 रन बनाए, जो वन-डे क्रिकेट में दुनिया के किसी भी बल्लेबाज द्वारा ‍बनाए गए सर्वाधिक रन है।

इंग्लैंड के प्रदर्शन पर मास्टर ब्लास्टर ने पीयर्स मॉर्गन की खिंचाई की

ब्रिटिश जर्नलिस्ट और टीवी पर्सनलिटी पीयर्स मॉर्गन को अब वीरेंद्र सहवाग के मैदानी जोड़ीदार सचिन तेंडुलकर की गुगली का सामना करना होगा। भारत के खिलाफ जारी सीरीज में इंग्लैंड के प्रदर्शन पर मास्टर ब्लास्टर ने पीयर्स मॉर्गन की खिंचाई की है।
सचिन ने महेंद्रसिंह धोनी और युवराज सिंह का फोटो पोस्ट करते हुए गुरुवार को ट्‍वीट किया था जिसमें उन्होंने कैप्शन लिखा था, ‘एक सुपरस्टार और रॉकस्टार के बीच अभूतपूर्व साझेदरी। हमें इसे देखकर मजा आया।‘ पीयर्स ने इस पर ट्‍वीट के जरिए सचिन से पूछा, ‘क्या आप इसी उम्र के सुपरस्टार और रॉकस्टार को जानते हो, जिन्हें हम इंग्लिश टीम में लाए ताकि भारत को ज्यादा टक्कर दे सके।‘
मॉर्गन का यह ट्‍वीट व्यंगात्मक लहजे का था और उनका इशारा अपने पसंदीदा खिलाड़ी केविन पीटरसन की तरफ था। लेकिन सचिन के ट्‍वीट ने उन्हें हमेशा के लिए चुप कर दिया।
सचिन ने लिखा, ‘मेरे दिमाग में सिर्फ एक ही नाम आ रहा है और आपने सही अंदाजा लगाया।‘

पूर्व भारतीय कप्तान दिलीप वेंगसरकर को विराट कोहली ने विवियन रिचर्ड्स की याद दिला दी

विराट कोहली ने रविवार को पुणे वन-डे में इंग्लैंड के खिलाफ जिस अंदाज में बल्लेबाजी की उसने पूर्व भारतीय कप्तान दिलीप वेंगसरकर को विवियन रिचर्ड्स की याद दिला दी।
वेंगसरकर के अनुसार इस शतकीय पारी के दौरान कोहली ने जो दो शुरुआती बाउंड्रीज लगाई उनको खेलने का अंदाज बिलकुल कैरेबियाई विस्फोटक बल्लेबाज विव रिचर्ड्स जैसा था। रिचर्ड्स इसी तरह विपक्षी गेंदबाजी आक्रमण की धज्जियां बिखेरते थे। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार वेंगसरकर को कोहली के जिन दो शॉट्स ने रिचर्ड्स की याद दिलाई उनमें आगे निलककर लांग ऑन पर लगाया छक्का शामिल है। इसके कुछ गेंदों बाद कोहली ने आगे निकलकर कवर के उपर से लगाया गया चौका शामिल है।
वेंगसरकर ने कहा ‍कि पुणे वन-डे की जीत टीम इं‍डिया के लिए स्पेशल है, क्यों‍कि उसने चार विकेट सस्ते में गंवा दिए थे। खराब शुरुआत के बाद जीत के लिए काउंटर अटैक ही एकमा‍त्र रास्ता था और कोहली के नेतृत्व में टीम ने यह एप्रोच अपनाया। यह एक महान खिलाड़ी के गुण है।

हरियाणा हैमर्स ने प्रवेश किया प्रो कुश्ती लीग के फाइनल में

संदीप तोमर, रजनीश के साथ विदेशी पहलवानों के दम पर हरियाणा हैमर्स ने शुक्रवार को पिछड़ने के बावजूद वापसी करते हुए प्रो कुश्ती लीग (पीडब्ल्यूएल)-2 के फाइनल में प्रवेश किया।
सेमीफाइनल में उसने जयपुर निंजास को 6-3 से शिकस्त दी। फाइनल में उसका मुकाबला गुरुवार को पंजाब रॉयल्स और मुंबई महारथी के बीच होने वाले एक अन्य सेमीफाइनल की विजयी टीम से होगा।

पार्थिव ने अपने नेतृत्व में गुजरात को पहली बार रणजी ट्रॉफी चैंपियन बनाकर इतिहास रचा

भारतीय क्रिकेट में मुंबई का वर्षों से दबदबा रहा है और यदि कोई बल्लेबाज लगातार उनके खिलाफ रन बनाता है तो इसे काबिलेतारीफ माना जाना चाहिए। पूर्व अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर और गुजरात के कप्तान पार्थिव पटेल ऐसे ही एक खिलाड़ी है जिन्होंने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन मुंबई के खिलाफ किया है।
पार्थिव ने अपने नेतृत्व में गुजरात को पहली बार रणजी ट्रॉफी चैंपियन बनाकर इतिहास रचा, वह भी 41 बार के चैंपियन मुंबई को हराकर। गुजरात छह दशक के बाद फाइनल में पहुंचा था और पार्थिव द्वारा दोनों पारियों की गई धमाकेदार बल्लेबाजी के दम पर उसने गत विजेता मुंबई को हार झेलने के लिए मजबूर किया।
पार्थिव पहली पारी में शतक से मात्र 10 रन से चूके, लेकिन उन्होंने अपनी टीम को पहली पारी में बढ़त दिलवाकर मनोवैज्ञानिक लाभ हासिल कर लिया। पार्थिव ने पहली पारी की कमी को दूसरी पारी में पूरा किया जब उन्होंने मैच विजयी शतकीय पारी खेली। 312 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए गुजरात 89 रनों पर 3 विकेट गंवाकर मुश्किल में दिख रहा था, ‍लेकिन पार्थिव ने शतक लगाते हुए अपनी टीम को ऐतिहासिक जीत दिलाई। उन्होंने 143 रनों की पारी खेली।
मात्र 17 साल की उम्र में 2002 में अंतरराष्ट्रीय पदार्पण करने वाले इस कम ऊंचाई के गुजराती क्रिकेटर का जज्बा अभी भी कायम है। 2016 में 8 वर्षों के अंतराल के बाद उन्होंने टीम इंडिया में वापसी की थी और अब अपने राज्य को पहली बार रणजी चैंपियन बनाकर उन्होंने साबित कर दिया कि अभी उनमें काफी क्रिकेट बाकी है और टीम इंडिया उनकी पहुंच से दूर नहीं है।
मुंबई के खिलाफ दबदबा : पार्थिव ने इस मैच में शतक लगाया, यह उनका मुंबई के खिलाफ प्रथम श्रेणी क्रिकेट में पांचवां शतक है। वे अन्य किसी भी टीम के खिलाफ दो से ज्यादा शतक नहीं लगा पाए हैं।
फिफ्टी प्लस स्कोर भी मुंबई के खिलाफ सबसे ज्यादा: यदि प्रथम श्रेणी मैचों में 50 प्लस (50 से ज्यादा रन) स्कोर की बात की जाए तो पार्थिव ने इस मामले में भी मुंबई के खिलाफ ही सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया है। पार्थिव ने प्रथम श्रेणी मैचों में मुंबई के खिलाफ 10 बार 50 प्लस स्कोर किया है। उनका दूसरा बेहतर प्रदर्शन रेलवे के खिलाफ रहा, जिसके खिलाफ उन्होंने 7 बार 50 से ज्यादा का स्कोर किया।

दक्षिण अफ्रीका के सलामी बल्लेबाज हाशिम अमला के करियर का 100वां टेस्ट मैच होगा श्रीलंका के खिलाफ

दक्षिण अफ्रीका के सलामी बल्लेबाज हाशिम अमला गुरुवार को श्रीलंका के खिलाफ तीन मैचों की सीरीज का आखिरी मैच खेलने उतरेंगे तो यह उनके करियर का 100वां टेस्ट मैच होगा।
अमला की इस उपलब्धि पर दक्षिण अफ्रीकी कप्तान फाफ डुप्लेसिस ने उनकी सराहना की और यहां तक कह दिया कि हो सकता है कि अमला दक्षिण अफ्रीका के लिए 100 टेस्ट मैच खेलने वाले आखिरी बल्लेबाज हों।
डुप्लेसिस ने कहा, ‘मैं बहुत बड़ी बात कहने जा रहा हूं। अमला 100 टेस्ट मैच खेलने वाले दक्षिण अफ्रीका के संभवतः आखिरी बल्लेबाज हो सकते हैं, क्योंकि जिस तरह से क्रिकेट बदल रहा है, उससे ऐसा ही प्रतीत होता है।
टेस्ट क्रिकेट इस दौरान काफी बदला है।’ डुप्लेसिस ने कहा, ‘क्विंटन डीकॉक, कैगिसो रबादा इस समय युवा हैं, लेकिन भविष्य के बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता।
अब, टी-20 मैचों की संख्या बढ़ रही है, इसलिए मेरा मानना है कि खेल बदल रहा है। अब इतनी क्रिकेट हो रही है कि आप लंबे समय तक नहीं खेल सकते।